मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को भारतीय पुलिस सेवा (IPS) 2023 और 2024 बैच के 23 प्रशिक्षु अधिकारियों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने उन्हें संवेदनशील, संवाद-प्रधान और आधुनिक पुलिसिंग अपनाने का मंत्र दिया। सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसा विशाल राज्य पुलिस के लिए कई तरह की चुनौतियां प्रस्तुत करता है, इसलिए प्रशिक्षु अवधि को सीखने और खुद को मजबूत पुलिस अधिकारी के रूप में गढ़ने का सुनहरा अवसर मानें।मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला प्रशिक्षण के दौरान वास्तविक समस्याओं का प्रभावी, त्वरित और संतुष्टिपरक समाधान सीखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पुलिस हमेशा फर्स्ट रिस्पांडर होती है, इसलिए आपकी तत्परता, भाषा और व्यवहार पर ही पीड़ित का विश्वास टिका होता है।
उन्होंने प्रशिक्षुओं को सलाह दी कि थाने का प्रशासन, विवेचना, ड्यूटी प्रबंधन, और स्थानीय विवादों की प्रकृति को बारीकी से समझें। सीएम योगी ने कहा कि “थाना पुलिसिंग की नींव है। ह्यूमन इंटेलिजेंस अब भी पुलिस अधिकारी का सबसे बड़ा हथियार है। स्थानीय लोगों से संवाद और फील्ड में सक्रियता ही पुलिस को मजबूत बनाती है।”महिलाओं के खिलाफ अपराध, साइबर क्राइम और ड्रग्स नेटवर्क पर सख्ती का निर्देशसीएम योगी ने महिलाओं से संबंधित अपराधों, साइबर क्राइम और अवैध ड्रग्स नेटवर्क पर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अपराध की प्रकृति लगातार बदल रही है, इसलिए पुलिस की तैयारी और प्रतिक्रिया भी उतनी ही आधुनिक होनी चाहिए। डिजिटल फॉरेंसिक, साइबर टूल्स और नई तकनीकों का उपयोग सीखना समय की आवश्यकता है।मुख्यमंत्री ने 'थाना, सर्किल और पुलिस लाइन' तीनों स्तरों की कार्यप्रणाली और चुनौतियों को समझने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन तीनों के बीच बेहतर सामंजस्य ही किसी जिले की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाता है।जनप्रतिनिधियों से संवाद पर उन्होंने कहा कि बातचीत गरिमापूर्ण और संयत होनी चाहिए, क्योंकि जनप्रतिनिधि जनता की आवाज होते हैं और उनके साथ तालमेल व्यवस्था को और प्रभावी बनाता है।अंत में सीएम ने कहा कि सत्यनिष्ठा, अनुशासन और मानवीय दृष्टिकोण ही पुलिस सेवा की सबसे बड़ी पूंजी है। यही गुण आने वाले वर्षों में प्रदेश की कानून-व्यवस्था और जनता के विश्वास को मजबूत करेंगे।

