उत्तर प्रदेश के वाराणसी से शुरू हुआ कोडीन युक्त कफ सिरप का अवैध कारोबार अब इंटरनेशनल ड्रग सिंडिकेट में बदल चुका है। इस सिंडिकेट का सरगना न सिर्फ उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में फैला, बल्कि नेपाल–बांग्लादेश तक जाल बिछाकर अब दुबई से पूरे नेटवर्क को संचालित कर रहा है।UPSTF और औषधि विभाग ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए उसके सहयोगियों, सप्लायरों और वाराणसी में मौजूद उसके बेस तक पहुंच बनाई है। जांच में सिंडिकेट से जुड़ी कई अहम जानकारियां सामने आई हैं और सरगना पर नकेल कसने की तैयारी की जा रही है।अफसरों से बातचीत के दौरान सामने आया कि यह नेटवर्क 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का है।
ड्रग सप्लाई चेन को मजबूत बनाने के लिए आरोपियों ने वाराणसी, उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों, मध्य प्रदेश, नेपाल और बांग्लादेश में फर्जी फर्में और अवैध गोदाम बनाए थे।औषधि विभाग ने अब तक इस रैकेट से जुड़ी 28 फर्मों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। इनमें सबसे ज्यादा फर्में वाराणसी की हैं। इन प्रतिष्ठानों पर छापेमारी के दौरान मिले दस्तावेज, बिल, रजिस्टर और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों ने पूरे सिंडिकेट की असल तस्वीर उजागर कर दी।अधिकारियों का कहना है कि ड्रग का यह कारोबार बेहद व्यवस्थित तरीके से चलाया जा रहा था। कफ सिरप की बड़ी खेपें फर्जी बिलिंग के जरिए बाहर भेजी जाती थीं और फिर सरहदी जिलों के माध्यम से नेपाल–बांग्लादेश तक तस्करी की जाती थी।UPSTF और औषधि विभाग अब इस सिंडिकेट के सरगना तक पहुंचने के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से समन्वय कर रही है। अफसरों का दावा है कि जल्द ही इस बड़े नेटवर्क की जड़ें उखाड़ दी जाएंगी।

