काशी के शक्तिपीठ मां विशालाक्षी मंदिर में कुंभाभिषेक के निमित्त महत्वपूर्ण विधानों का आयोजन किया गया। देवी के पूर्व से स्थापित विग्रह को मंत्रोच्चार के बीच चलायमान किया गया। इस प्रक्रिया के पूर्ण होते ही गर्भगृह के पट आमजन के लिए बंद कर दिए गए, जो अब करीब 45 घंटे बाद आज दोपहर 3 बजे खोले जाएंगे।मंदिर में काशी की विशालाक्षी, कांची की कामाक्षी, मदुरै की मीनाक्षी, गणेश और भगवान कार्तिक के नए विग्रह स्थापित किए जाएंगे। रविवार शाम इन विग्रहों का नगर भ्रमण कराया गया।
शोभायात्रा मंदिर से शुरू होकर मीरघाट, त्रिपुरा भैरवी, दशाश्वमेध मार्ग होते हुए गोदौलिया तक पहुँची और फिर मंदिर लौटकर समाप्त हुई। इसके बाद विग्रहों को उस स्थान पर रखा गया, जहां आज प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होनी है।सुबह गणपति पूजन, मंडपम पूजन और प्रधान कलश पूजन के बाद आराधना की गई। तमिलनाडु से आए 11 वैदिकों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच यज्ञ और हवन कराया। पूरा परिसर मंत्रध्वनि से गुंजायमान रहा।काशी नाट्टकोट्टई नगर क्षत्रम मैनेजिंग सोसाइटी की ओर से आयोजित इन अनुष्ठानों में दक्षिण भारत से आए भक्त भी शामिल हो रहे हैं। संपूर्ण धार्मिक क्रियाएँ आचार्य डॉ. शिवाश्री केपी गुरुकल के नेतृत्व में संपन्न हो रही हैं।

