कानपुर देहात के भोगनीपुर की रहने वाली आरती की मौत नेवी अफसर अजय सिंह और उनके परिवार को हिला कर रख दिया। अजय सिंह का आरोप है कि उनकी पत्नी की मौत किसी हादसे का नतीजा नहीं, बल्कि ट्रेन में तैनात टीटीई की हरकत का नतीजा है।अजय ने बताया कि उनकी पत्नी आरती दवा लेने दिल्ली जा रही थीं। 25 नवंबर को उन्होंने बरौनी–नई दिल्ली स्पेशल ट्रेन का टिकट कराया था। ट्रेन 26 नवंबर की सुबह करीब 9 घंटे की देरी से कानपुर सेंट्रल पहुंची। इसी जल्दबाज़ी में आरती गलती से पटना–आनंद विहार स्पेशल ट्रेन (04089) के S-11 कोच में चढ़ गईं।यहीं से शुरुआत हुई उस झगड़े की, जो उनकी जान ले गया। अजय का आरोप है कि ट्रेन में मौजूद टीटीई ने गलत ट्रेन पकड़ने पर आरती से बहस की और धक्का देकर उन्हें नीचे गिरा दिया।
बाद में आरती का शव इटावा के भरथना के पास रेलवे ट्रैक पर मिला।शरीर के अलग-अलग हिस्से तीन अलग जगहों पर मिले—एक हाथ 200 मीटर दूर, पर्स लगभग 4 किलोमीटर दूर और मोबाइल किसी और लोकेशन पर। गर्म पट्टी बंधा हाथ यह भी संकेत दे रहा था कि वह सफर में थीं और खुद से संभलने की कोशिश कर रही थीं।आरती के गिरने और घायल होने की जानकारी पटना–आनंद विहार ट्रेन के एक यात्री ने रेलवे हेल्पलाइन 139 पर दी थी। सूचना मिलते ही भरथना जीआरपी मौके पर पहुंची और जांच शुरू की।गुरुवार सुबह परिजन इटावा पहुंचे और घटनास्थल का मुआयना किया। परिवार का कहना है कि सामान का अलग-अलग जगह मिलना साफ इशारा करता है कि यह कोई सामान्य दुर्घटना नहीं है। परिजनों का आरोप है कि टीटीई ने धक्का दिया और आरती ने खुद को बचाने की कोशिश में संघर्ष किया होगा।नेवी अफसर अजय सिंह ने मांग की है कि आरोपी टीटीई को फांसी की सजा मिले। फिलहाल पुलिस और जीआरपी मामले की जांच कर रही है और टीटीई का पता लगाने की कोशिश जारी है।
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