पिछले वर्ष राजा आनंद ज्योति सिंह की संदिग्ध मौत के मामले में एक बार फिर विवाद गहरा गया है। सोमवार को मृतक राजा आनंद ज्योति सिंह की पत्नी और परिजनों ने पुलिस कमिश्नर वाराणसी से मुलाकात कर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की थी। इसी क्रम में अब आरोपी बताए जा रहे अमित सिंह के परिवार ने सामने आकर अपनी बात रखी है।अमित सिंह की मां बीना सिंह ने कहा कि उनका परिवार पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया और कुछ डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर फैल रही गलत सूचनाओं से बेहद परेशान है। बीना सिंह के मुताबिक, सोशल मीडिया पर लगातार यह दावा किया जा रहा है कि उनके पुत्र अमित सिंह ने राजा आनंद ज्योति सिंह की हत्या कराई थी, जबकि इस मामले में अब तक किसी भी थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज नहीं हुई है।उन्होंने बताया कि उनका बेटा अमित सिंह पेशे से अधिवक्ता है और इस समय एक अन्य मामले में न्यायिक अभिरक्षा में लखनऊ जिला जेल में निरुद्ध है। बीना सिंह ने कहा कि राजा आनंद ज्योति सिंह के परिजन सुनियोजित तरीके से झूठा माहौल बनाकर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।बीना सिंह के अनुसार, राजा आनंद ज्योति सिंह का आपराधिक इतिहास रहा है और विभिन्न मामलों में उनके खिलाफ गंभीर आरोप रहे हैं।
थाना चेतगंज में मृतक के पिता द्वारा पहले भी एक शिकायती प्रार्थना पत्र दिया गया था, जिसकी जांच में अमित सिंह को निर्दोष पाया गया था। पुलिस ने रिपोर्ट में साफ उल्लेख किया था कि मृतक की मृत्यु विषाक्तता या हत्या से नहीं, बल्कि अत्यधिक शराब सेवन के कारण हुई थी। फोरेंसिक/विसरा रिपोर्ट में भी यही निष्कर्ष आया था।उन्होंने बताया कि इस रिपोर्ट और साक्ष्यों को अदालत में प्रस्तुत किया गया था और तत्कालीन पुलिस अधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस तथ्य को सार्वजनिक भी किया था। इसके बावजूद मृतक के पिता ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ जिला एवं सत्र न्यायालय में अपील दायर की है, जो अभी विचाराधीन है।बीना सिंह ने आरोप लगाया कि मृतक के परिवार द्वारा जानबूझकर तथ्यों को छुपाया जा रहा है और मीडिया में बार-बार भ्रामक बयान देकर उनके परिवार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। उनका कहना है कि यह सब “दबाव बनाने और अनुचित लाभ लेने” की नीयत से किया जा रहा है।परिवार ने पुलिस प्रशासन से अनुरोध किया है कि इस मामले में भ्रामक सूचना फैलाने वालों पर भी कार्रवाई की जाए, ताकि मामले को राजनीतिक और व्यक्तिगत दुश्मनी का रूप न दिया जा सके।

