मंडुआडीह पावर हाउस मे विश्वकर्मा पूजन उल्लास पूर्वक मनाया गया। इस दौरान विभाग के सभी सदस्य एकत्रित हुए और विधि विधान से आदि शिल्पी भगवान विश्वकर्मा का पूजन किया। सदस्यों ने हवन पूजन किया। साथ ही सभी मे प्रसाद वितरण किया गया।विश्वकर्मा शिल्पशास्त्र के आविष्कारक और सर्वश्रेठ ज्ञाता माने जाते हैं। जिन्होने विश्व के प्राचीनतम तकनीकी ग्रंथों की रचना की थी।
इन ग्रंथों में न केवल भवन वास्तु विद्या, रथ आदि वाहनों के निर्माण बल्कि विभिन्न रत्नों के प्रभाव व उपयोग आदि का भी विवरण है। माना जाता है कि उन्होनें ही देवताओं के विमानों की रचना की थी। भगवान विश्वकर्मा की उत्पत्ति ऋग्वेद में हुई है।
जिसमें उन्हें ब्रह्मांड के निर्माता के रूप में वर्णित किया गया है। हर वर्ष 17 सितम्बर को विश्वकर्मा जयंती मनायी जाती है। यह कन्या संक्रांति पर पड़ता है। विश्वकर्मा पूजा एक ऐसा त्योहार है जहां शिल्पकार, कारीगर, श्रमिक भगवान विश्वकर्मा का त्योंहार मनाते हैं।