दुर्गाकुंड स्थित मां कूष्मांडा के दरबार में चल रहे श्रृंगार संगीत महोत्सव की पांचवीं निशा में पद्मश्री अनूप जलोटा ने भी सुरमयी हाजिरी लगाई। वहीं काशी और आसपास के जिलों के कलाकारों ने गायन, वादन और नृत्य के माध्यम से भगवती की अर्चना की।
भजन सम्राट अनूप जलोटा के मंच संभालते ही मंदिर प्रांगण भगवती के जयकार व 'हर-हर महादेव' के घोष से गूंज उठा। अनूप जलोटा ने कहा इस पवित्र स्थल पर भजन प्रस्तुत करना गौरव की बात है। इस दौरान उन्होंने अपने एक से बढ़कर एक लोकप्रिय भजनों को प्रस्तुत किया जिस पर भक्ति झूमते रहे । इससे पूर्व कन्हैया दुबे के संयोजन में निशा का शुभारंभ डॉ. संदीप केवले एवं साथी कलाकारों ने रागपूरिया धनाश्री की अवतारणा से की। उनके साथ बंसी पर सनिश ज्ञावली, सितार पर आनंद मिश्र ने सहयोग किया। पं. रविशंकर मिश्रा एवं डॉ ममता टंडन ने कथक प्रस्तुत किया। तबले पर पं भोलानाथ मिश्रा, प्रीतम मिश्रा, गायन एवं हारमोनियम पर सागर, सितार पर ध्रुवनाथ मिश्रा ने सहयोग किया। इस दौरान मां का आभूषण फल फूल से श्रृंगार किया गया साथ ही भव्य आरती की गई भक्तों ने देर रात तक मां का दर्शन पूजन कर भजन संध्या में शामिल हुए।