भारत अध्यन केंद्र बीएचयू द्वारा काशी : द अबोड ऑफ शिव नामक पुस्तक का हुआ विमोचन

भारत अध्ययन केन्द्र काशी हिन्दू विश्वविद्यालय द्वारा काशी द अबोड ऑफ शिव नामक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वंभर नाथ मिश्र ने अपने वक्तव्य में काशी के अतीत और वर्तमान महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि काशी का कण-कण शंकर है काशी को समझना है तो यहाँ से उठने वाली तरंगों को महसूस करना होगा। इसका जीवन्त उदाहरण साक्षात् काशीवासी हैं जिनके दैनिक जीवन और व्यवहार में काशी जीवन्त हैं। उन्होंने काशी में विद्यमान शिव के परम तत्त्व माँ गंगा और मोक्ष के महत्व का भी वर्णन किया। तत्पश्चात् शिव और पार्वती के काशी की कथाओं को बताया। 

वरूणा और अस्सी नदियों के महत्व को समझाया और इसको संजोने पर बल दिया। मुख्य वक्ता प्रो. राणा पी.बी. सिंह पूर्व विभागाध्यक्ष भूगोल विभाग बीएचयू ने बताया कि इस पुस्तक में 10 अध्याय और 88 छाया चित्रों में काशी विश्वनाथ मंदिर को केंद्र में रखकर ब्रह्मांड की तमाम शक्तियों के रहस्य पर प्रकाश डाला गया है। पुस्तक के लेखक डॉ. विजय राणा ने अपनी पुस्तक का संक्षिप्त वर्णन करते हुए बहुमूल्य छायाचित्रों के बारे में बताया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि विश्वभूषण मिश्र मुख्य कार्यपालक काशी विश्वनाथ मंदिर ने सर्वधर्म समभाव के महत्व को बताते हुए कहा कि जब तक शिव की कृपा नही होगी तब तक काशी में आप कोई भी कार्य सम्पन्न नही कर सकते। आचार्य श्रीकांत मिश्र मुख्य अर्चक श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ने बताया कि काशी अविमुक्त हैं जो शिव के त्रिशूल के ऊपर विराजित होती हैं।







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