भारत में निर्मित 4G उपकरणों का संस्थापन हुआ आरम्भ, ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगाए गए 50 मोबाइल टावर

भारत संचार निगम लिमिटेड उत्तर प्रदेश पूर्व दूरसंचार परिमंडल, वाराणसी दूरसंचार जिले की बैठक संपन्न हुई। इस दौरान वाराणसी बिजनेस एरिया बीएसएनएल के महाप्रबंधक ने बताया कि यह हम सभी के लिए हर्ष और गौरव का विषय है कि भारत में विकसित तकनीक से भारत में ही निर्मित 4G उपकरणों का संस्थापन वाराणसी में शुरू हो गया है। शहरी क्षेत्र में दो बीटीएस गायत्री नगर तथा तिब्बत शिक्षण संस्थान के पास लगाए जा चुके हैं जो अच्छे तरीके से काम कर रहे हैं तथा अच्छी स्पीड के साथ ट्रैफिक कैरी कर रहे हैं। 

वाराणसी जिले के शहरी इलाकों में 30 जून तक 100 46 टावर लगाने का लक्ष्य है, जिसे जुलाई के अंत तक 200 तक कर दिया जाएगा। कुछ और 4G उपकरण लगने के बाद ड्राइन टेस्ट व ऑप्टीमाइजेशन का कार्य किया जाएगा। भदोही, चंदौली, मिर्जापुर,सोनभद्र और गाजीपुर जिलों के शहरी क्षेत्र में भी 4G सेवाएं 30 जुलाई तक आरंभ कर दी जाएंगी। 4G सेवा के लिए सभी उपभोक्ता जिनके पास 2G या 3G सिम है, उनको 4G सिम में अपग्रेड करने की आवश्यकता है। उपभोक्ता अपने निकटतम रिटेलर के द्वारा सिम निः शुल्क अपग्रेड कर सकते हैं। गाजीपुर के ग्रामीण क्षेत्र में 26, मिर्जापुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में 14, चंदौली के ग्रामीण क्षेत्र में 12, भदोही के ग्रामीण क्षेत्र में 4 तथा सोनभद्र के ग्रामीण क्षेत्र में पांच 4G के उपकरण लगाए जा चुके हैं। ग्रामीण क्षेत्र के 4G उपकरण 700 MHz बैंड पर काम करते हैं, जो कुछ ही 4G मोबाइल हैंडसेट पर उपलब्ध है। नए जा रहे सभी मोबाइल में यह फ्रीक्वेंसी बैंड उपलब्ध है। 4G सेवा न काम करने पर उपभोक्ता अपने सेट पर 700 MHz बैंड चेक कर सकता है। शहरी क्षेत्र में 700 MHz के साथ-साथ 2100 MHz बैंड पर भी यह सेवाएं दी जा रही है। जो  सभी 4G मोबाइल सेट में काम करती है। ग्रामीण क्षेत्र के लिए मोबाइल बंडलिंग स्कीम जल्द आने की संभावना है।चंदौली, मिर्जापुर और सोनभद्र जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अछूते गांव में भारत सरकार की योजना के तहत 50 मोबाइल टावर लगाए जा चुके हैं। जिनमें उपकरणों के संस्थापन का कार्य जून माह तक पूरा हो सकेगा और इन क्षेत्रों में भी वंचित नागरिकों को 4G की सेवाएं मिल सकेंगी।वाराणसी व्यापार क्षेत्र में लैंडलाइन को फाइबर में बदलने का कार्य प्रगति में है, अब तक लगभग 2000 लैंडलाइन को फाइबर से बदला जा चुका है और शेष को सितंबर माह तक बदले जाने का लक्ष्य है। 

वाराणसी में नए सुपर एज राउटर की संस्थापना के बाद फाइबर के इंटरनेट कनेक्शन की गति और बेहतर हो गई है। वाराणसी में डीएनएस सरवर की स्थापना का कार्य चल रहा है। वाराणसी में 100जी क्षमता के नए उपकरणों की रिंग तैयार हो रही है जिससे कि बेहतर फाइबर इंटरनेट एवं 4G सेवाओं के लिए बैकबोन तैयार हो जाएगा।

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