यूपी में जोरदार बारिश के बीच वाराणसी में गंगा भी उफान पर है। लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण पहले घाटों की सीढ़ियां डूबी चुकी है, घाटों का आपसी संर्पक मार्ग टूट चुका है और अब काशी के महाश्मशान घाट पर भी हर तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है।
हाल यह है कि मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र महाश्मशान घाट के शव दाह के प्लेटफॉर्म भी पूरी तरह पानी में डूब गए है और अब मोक्ष के लिए लोगों को इंतजार भी करना पड़ रहा है। ऐसे ही हालात रहे तो आने वाले दिनों में हरिश्चंद्र घाट पर होने वाला दाह संस्कार सीढ़ियों के बजाए गलियों में शवदाह शुरू हो जाएगा।मणिकर्णिका घाट पर शवों के अंतिम संस्कार के किए लकड़ी बेचने वाले नितेश यादव ने बताया कि बीते 2 से 3 दिनों में गंगा तेजी से बढ़ी है। जिसके कारण मणिकर्णिका घाट के शवदाह प्लेटफार्म पानी में समा गए है। इसके अलावा घाट पर जगह कम होने के कारण अब शव यात्रियों को शव जलाने में भी परेशानियां हो रही है।जलस्तर और बढ़ा तो यह आफत बढ़ती ही जायेगी।
वहीं मणिकर्णिका घाट के अलावा बात हरिश्चंद्र घाट की करें तो फिलहाल तो अंतिम संस्कार सीढ़ियों पर हो रहा है लेकिन पानी और बढ़ा तो गलियों में शवदाह करने लिए लोगों को मजबूर होना पड़ेगा। शवदाह करने वाले कालीचरण ने बताया कि बाढ़ के कारण लोगो को शवदाह के लिए एक से डेढ़ घण्टे तक का इंतजार करना पड़ रहा है। बजेश पाठक ने बताया कि गंगा का जलस्तर अभी स्थिर है और घाटों का संपर्क टूट चुका है गंगा का जलस्तर अगर बढ़ेगा तो लोगों की दुश्वारियां और बढ़ जाएगी उन्होंने आगे कहा कि अभी तो सौदा सीडीओ पर हो रहा है परंतु अगर गंगा का जलस्तर बढ़ेगा तो गलियों में शवदाह करना पड़ेगा। फिलहाल गंगा में तूफान के बाद गंगा का जलस्तर अभी शांत है केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, गुरुवार की सुबह से गंगा का जलस्तर स्थिर है। सुबह आठ बजे वाराणसी में गंगा 63.86 मीटर पर बह रही है जो खतरे के निशान से करीब 7 मीटर दूर है। बता दें कि वाराणसी में खतरे का निशान 71.26 मीटर है। वहीं चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर है।