प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को आगे बढ़ाते हुए वाराणसी नगर निगम ने अब स्वच्छता के लिए एक अनूठा और चौंकाने वाला अभियान शुरू किया है।अब सार्वजनिक स्थानों पर खुले में शौच या मूत्र विसर्जन करने वालों को न केवल पकड़ा जा रहा है, बल्कि ताली बजाकर और माला पहनाकर उन्हें सार्वजनिक रूप से शर्मिंदा भी किया जा रहा है। काशी की पवित्र धरती को स्वच्छ बनाए रखने की मुहिम अब एक नए मोड़ पर पहुंच गई है। नगर निगम की टीम ने अभियान छेड़ा है ऐसे लोगों के खिलाफ, जो सार्वजनिक स्थानों — रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, ऑटो स्टैंड और दीवारों के किनारे — खुले में शौच कर वाराणसी की स्वच्छता को दूषित कर रहे हैं।इस बार न जुर्माना, न चेतावनी...बल्कि माला पहनाकर, ताली बजाकर सार्वजनिक रूप से लज्जित किया गया।नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि “अभियान का नेतृत्व नगर निगम की अधिकारी प्रीति सिंह कर रही हैं।
इसका उद्देश्य सिर्फ दंड देना नहीं, बल्कि लोगों को संस्कारिक रूप से जागरूक करना है।”फिलहाल 500 रुपए के जुर्माने का प्रावधान है, लेकिन शुरुआत में लज्जा और चेतना के सहारे ही लोगों को सुधारा जा रहा है।कुछ लोगों ने तो मौके पर ही स्वीकार किया कि वो दोबारा ऐसा कृत्य नहीं करेंगे।यह पूरी पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन की ही कड़ी है, जिसकी शुरुआत 8 नवंबर 2014 को काशी के अस्सी घाट से की गई थी। 2016 से शुरू हुए स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान में वाराणसी की रैंकिंग शुरू में 65वीं थी। लेकिन लगातार प्रयासों से स्थिति सुधरी है। हालांकि 2024-25 की रिपोर्ट अब भी प्रतीक्षित है।वाराणसी नगर क्षेत्र की आबादी 15 लाख से ज्यादा है, और रोज़ाना 1 लाख से अधिक लोग बाहर से आते हैं।फिलहाल 188 सार्वजनिक शौचालय और 10,000 से अधिक घरेलू शौचालय बन चुके हैं, मगर बढ़ती भीड़ के सामने यह संख्या अभी भी अपर्याप्त मानी जा रही है। "हमें शर्म इसलिए नहीं आनी चाहिए कि कोई ताली बजा रहा है, बल्कि इसलिए कि हम अपनी ही धरती को गंदा कर रहे हैं..." – प्रीति सिंह, नगर निगम अधिकारी