बनारस की 100 से अधिक प्राइवेट स्कूल मनाएंगे जागरूकता दिवस, 8 अगस्त को प्रदेश व्यापी स्कूल बंदी का हुआ आह्वान

विगत दिनों आजमगढ़ के चिल्ड्रेन गर्ल्स स्कूल में घटित दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारण जिस प्रकार एक छात्रा का निधन हो गया वह निःसंदेह अत्यन्त दुखद है। उत्तर प्रदेश का समूचा शिक्षा जगत इससे आहत है एवं सभी ने दिवंगत आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना की तथा पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त किया। पूर्वांचल स्कूल्स वेलफेयर एसोशियसन के बैनर तले वाराणसी, इलाहाबाद एवं आस-पास के जिलों के सैकड़ों स्कूलों द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि दिनांक 8 अगस्त मंगलवार को आजमगढ़ के चिल्ड्रेन गर्ल्स स्कूल के प्रिंसिपल एवं स्टाफ तथा प्रदेश भर के सभी अन्य स्कूलों के साथ मिलकर सम्मानजनक तरीके से आपसी सौहार्द एवं एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए काली पट्टी बाधकर विरोध दर्ज किया जायेगा। उक्त दिवस पर विद्यालय छात्र- छात्राओं हेतु पूर्ण रूप से बंद रहेंगे। टिचर्स एवं अन्य स्टाफ प्रातः विद्यालय पहुचने पर सर्वप्रथम एक मौन सभा का आयोजन कर दिवंगत आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना करेंगे।

कथित प्रकरण में आजमगढ़ के चिल्ड्रेन गर्ल स्कूल के अध्यापक द्वारा छात्रा का मोबाइल लेकर आने पर जो कि विद्यालय में पूर्णरूप से वर्जित था की गई चेकिंग के पश्चात छात्रा द्वारा आत्महत्या कर लेना एवं इसके लिए बिना उचित जांच पड़ताल या ठोस सबूत के विद्यालय के शिक्षक एवं प्रधानाचार्या को धारा 306 के तहत गिरफ्तार कर पुलिस हिरासत में भेज देना प्रशासन द्वारा किया गया एक निहायत ही अविवेकपूर्ण एवं गैर तर्कसंगत कार्यवाही है। प्राइवेट स्कूलों पर प्रशासन द्वारा की गयी यह कोई पहली कार्यवाही नहीं है। इससे पूर्व में भी विद्यालय प्रबंधन की किसी प्रकार की गलती न होने के बावजूद उनके खिलाफ प्रशासनिक कार्यवाही कर अनुचित दबाव बनाने के प्रयास किये गये है। यदि यही सिलसिला जारी रहा तो विद्यालयों में पठनरत हजारों लाखों विद्यार्थीयों में अनुशासन सुनिश्चित करना विद्यालयों के वश में नहीं रहेगा एवं अवश्य ही इसका प्रतिकूल प्रभाव समाज में आम देखने को मिलेगा प्रदेश भर के सभी विद्यालयों द्वारा माननीय मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश शासन के नाम एक पत्रक भी जारी किया जायेगा जिसके तहत शासन से निम्नलिखित बिन्दुओं पर स्कूलों के लिए आवश्यक एवं निश्चित दिशानिर्देश जारी करने का आग्रह किया जायेगा- 

1. कृपया दिशा निर्देश जारी करें कि कौन-कौन सी वस्तु प्रदेश के विद्यालयों में लाना प्रतिबंधित होगी?

2. क्या विद्यार्थीयों के [गों की चेकिंग करना मानसिक प्रताड़ना मानी जाएगी?

3. प्रतिबंधित वस्तुए स्कूल के बाहर से विद्यालय के अंदर लाने पर क्या अभिभावक उत्तरदायी नहीं होगे?

4. विद्यार्थीयों के बैगों में यदि कोई आपत्तिजनक या प्रतिबंधित सामग्री पायी जाती है तो क्या विद्यालयों को ऐसे विद्यार्थीयों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने का अधिकार होगा विद्यालय के अंदर अनुशासन और पठन-पाठन से संबंधित मुद्दों पर छात्रों को डांटना और अभिभावकों को सूचित करना क्या उनकी मानसिक प्रताडना होगी? इसमें अभिभावकों का क्या उत्तरदायित्व होगा?

क्या विद्यालय के विरुद्ध भ्रामक FIR / शिकायत और पुलिस जांच रिपोर्ट में गलत पाए जाने पर संबंधित पर भी झूठी शिकायत का बाद दर्ज होगा? क्या विद्यालय के अंदर तोड़-फोड़ करने पर कड़ी कार्यवाही होगी? आजमगढ़ जैसे प्रकरण में यदि छात्रा के मोबाईल डिटेल्स की जांच और सभी अन्य बाहरी लोगों पहलुओं / साक्ष्यों पर जांच होती तो पता चलता कि छात्रा ने आखिर क्यों आत्महत्या की थी? पूरी जांच करने से पहले ही प्रधानाचार्य एवं अध्यापक को गिरफ्तार कर स्कूल की प्रतिष्ठा को धूमिल कर देना क्या न्यायोचित है?

क्या स्ववित्तपोषित प्राईवेट स्कूलों एवं वित्तपोषित व शासन नियंत्रित स्कूलों हेतु अलग-अलग नियमों को प्रभावी करना न्यायसंगत है? क्या किसी भी विद्यालय द्वारा लिया गया सामान्य अनुशासनात्मक कार्यवाही पर अभिभावकों द्वारा तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त करना, जरा रा सी बात पर FIR करने की धमकी देना तथा वैधानिक कार्यवाही पूर्ण होने से पूर्व ही विद्यालय की छवि को सोशल मीडिया आदि पर धूमिल करना न्यायोचित है? 10.

9. विद्यालय एक ऐसी व्यवस्था है जहां अनुशासन, आदर्श आचरण एवं व्यवहार सुलभ कुछ नियमों का अनुपालन हमेशा से होता आया है। आजकल कतिपय सामाजिक बदलाव व उनके कारकों का कुप्रभाव बच्चों पर इतनी तेजी से पड़ रहा है कि इसके परिणाम स्वरूप विद्यालय द्वारा किये जा रहे सामान्य अनुशासनात्मक कार्यवाही जैसे बैगों की नियमित चेकिंग, बच्चों को विद्यालय में मोबाईल लेकर न आने देना आदि भी कर पाना अब असमय सा प्रतीत होने लगा है। ऐसे में आने वाली पीढ़ी का चरित्र निर्माण व व्यक्तित्व विकास में विद्यालयों की भूमिका क्रमशः नगण्य होती जा रही है। निःसंदेह यह एक व्यापक एवं शीघ्र विचारणीय विषय है। 

दूसरी बैठक बाल विद्यालय सीनियर सेकेंडरी स्कूल, डुमरी, पड़ाव, वाराणसी में संपन्न हुई। जिसमें समस्त पदाधिकारी एवं प्रिंसिपल मौजूद रहे। सभी ने एकमत से संयुक्त सचिव श्री मुकुल पांडेय के कहने पर दिनांक 8 अगस्त 2023 दिन मंगलवार को काली पट्टी बांधकर इस घटना का विरोध दर्ज कराएंगे। साथ ही एक प्रतिनिधिमंडल 8 तारीख को उपमुख्यमंत्री श्री बृजेश पाठक एवं सचिव (शिक्षा) जिनसे समय लिया जा चुका है प्रातः 10:00 बजे मिलेंगे। शेष आगामी कार्यक्रम उनसे मिलने के बाद तय किया जाएगा।

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