शुक्रवार की देर रात गंगा महोत्सव की दूसरी निशा में मालिनी ने अपने गायन की शुरूआत मे गीतों से माता की आराधना करने के बाद उन्होंने रामजी के भजन की तान छेड़ी तो दर्शक दीर्घा से जय श्रीराम का जयघोष गूंजने लगा। इसके बाद उन्होंने श्रीराम और सीता के विवाह के प्रसंग पर आधारित गीत को स्वर दिया।इसके पूर्व गंगा महोत्सव के दूसरे दिन की शुरूआत शास्त्रीय गायिका डॉ. अर्चना आदित्य म्हस्कर के गायन से हुई।
उनके साथ तबले पर श्रीकांत मिश्रा और हारमोनियम पर कुमार विक्की ने संगत की। इसके बाद आशुतोष श्रीवास्तव का भजन गायन, दीपक सिंह का लोकगायन, पं. अंशुमान महाराज का सरोद वादन, दिव्या व राहुल का ओडिसी एवं भरतनाट्यम नृत्य फ्यूजन आकर्षण का केंद्र रहा। अंतिम प्रस्तुति के पद्मजा रेड्डी के कुचीपुड़ी नृत्य की रही।
इसी कड़ी मे राजेंद्र प्रसाद घाट के मुक्ताकाशीय मंच पर एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां हुई कार्यक्रम की शुरुआत दी प्रज्वलन के साथ हुई आपको बता दे की देव दीपावली से पूर्व काशी में पांच दिवसीय गंगा महोत्सव का आयोजन किया जाता है इसी कड़ी में राजेंद्र प्रसाद घाट पर महोत्सव की दूसरी दिशा में विविध कार्यक्रम प्रस्तुत हुए अलंकृता राय की ओर से शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति की गई इसके साथ ही अन्य कलाकारों की ओर से गायन वादन नृत्य की त्रिवेणी बही। गंगा घाट पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। और देर रात्रि तक आयोजन में शामिल हो कलाकारों का उत्साह वर्धन किया।