मांस मदिरा मुक्त काशी की परिकल्पना को गति देते हुए अभियान पवित्र काशी की हुई शुरुआत

ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने सोमवार को इस अभियान का शुभारंभ शंकराचार्य घाट स्थित श्री विद्या मठ में किया। इस अवसर पर श्री विद्या मठ के बटुको ने "मांस मदिरा मुक्त काशी" के परिकल्पना को यथार्थ में परिवर्तित करने के लिए प्रतिज्ञा की। अपने संबोधन में ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा, कि काशीवासियों द्वारा उठाई गई। यह आवाज आज नहीं तो कल सत्ता सम्पन्न लोगों तक अवश्य पहुंचेगी। धर्मनगरी काशी को मांस मदिर मुक्त क्षेत्र उसी समय बना दिया जाना चाहिए था। जब मथुरा, अयोध्या और हरिद्वार बनाया गया था। देर से ही सही किन्तु काशी को धर्मनगरी के रूप में पूजने वाले लोग इसके समर्थन में खड़े हुए हैं।

तो उनका यह उद्यम सफल होकर ही रहेगा। आधुनिकता और विलासिता पूर्ण जीवन के आदी हो चुके लोगों के लिए यह एक चेतावनी है। सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति की परिचायक काशी नगरी का मांस-मदिर से मुक्त होना इसके पौराणिक स्वरूप को बनाए रखने के लिए अत्यंत अनिवार्य है।वैसे तो सप्तपुरियों में सम्मिलित सभी नगरियों का माहात्म्य बहुत ही विशेष है, किन्तु काशी का वैशिष्ट्य इसलिए बढ़ जाता है, कि यहां जीवित मनुष्य को ज्ञान और जीवन के उपरांत मोक्ष की प्राप्ति सहज रूप से होती है। इस महाश्मशान भूमि पर आदिदेव महादेव यहां दिवंगत होने वाले व्यक्ति के कान में स्वयं तारक मंत्र देते हैं। इस दृष्टि से संसार की दुर्लभ नगरी होने के नाते काशी में धार्मिक भावनाओं का पूर्ण रूपेण सम्मान होना चाहिए।
 धार्मिक दृष्टि से मांस भक्षण और मदिरापान दोनों ही कृत्य न सिर्फ निंदनीय हैं,अपितु इन्हें पाप का कारण भी बताया गया है। काशी जैसी महातीर्थ नगरी जहाँ देवाधिदेव महादेव स्वयं भगवती पार्वती के साथ विराजमान रहते हैं। उस नगरी में यह पाप कदापि नहीं होना चाहिए। मैं प्रत्येक काशीवासी से आग्रह करना चाहता हूं, कि इस अभिनव अभियान में अपनी वासनाओं की आहुति देकर इसे सफल बनाने के लिए कृतसंकल्पित हो जाएं तभी उनका काशीवासी होना सही मायने में सार्थक होगा। अभियान संयोजक डा. संतोष ओझा ने बताया, कि पहले चरण में साल के 52 रविवार 48 विभिन्न पर्व और त्यौहारों पर गंगा तट, भीड़भाड़ संग सार्वजनिक स्थलों पर 400 मैजिक शो के माध्यम से काशी की महत्ता और "मांस मदिरा मुक्त दिव्य काशी " के लिए जनमत तैयार किया जाएगा। दूसरे चरण में 100 शो काशी से सटे शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता संग जनमत तैयार किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि काशी को "अभियान पवित्र काशी " के तहत आगमन और ब्रह्म सेना की ओर से काशी को मांस मंदिरा मुक्त क्षेत्र घोषित करने की मांग के समर्थन में संत पदयात्रा, जनजागरण रैली,पेंटिंग प्रतियोगिता संग तमाम दर्जनों आयोजन किए जा चुके हैं। इस अभियान के गणेश पर प्रमुख रूप से जादूगर किरण और जितेंद्र संग डॉ गिरीश तिवारी, इत्यादि लोग समिलित रहें।

Post a Comment

Previous Post Next Post