उत्तर प्रदेश के कानपुर बैराज से छोड़े जा रहे पानी की वजह से प्रयागराज और वाराणसी में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। गंगा में तेजी से बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए वाराणसी में छोटी नावों के संचालन पर रोक लगा दिया गया है।
वाराणसी जल पुलिस और नाविकों ने संयुक्त रूप से बैठक कर छोटी नावों के संचालन पर रोक के साथ गंगा पार स्नान, गंगा आरती के दौरान नावों को घाट किनारे ना लगाने सहित क्षमता से आधे यात्रियों को नाव में बैठाने का फैसला किया गया है।
नावों में क्षमता से आधे यात्रियों को बैठाने का निर्देश, आदेश की अनदेखी पर कड़ी कार्रवाई का निर्देश
जल पुलिस के प्रभारी निरीक्षक मिथिलेश कुमार ने बताया कि गंगा के तेजी से बढ़ते जलस्तर को लेकर नाविको ने पुलिस के साथ बैठक कर निर्णय पर सहमति जताई है। इसके साथ ही हिदायत भी दिया गया, कि यदि कोई इन आदेशों का उलंघन करता है तो कड़ी कार्रवाई किया जाएगा।
बैठक में छोटी नावों यानी हांथ से चलने वाले नावों के संचालन पर फिलहाल रोक लगाया गया है, वही गंगा आरती के दौरान नाव पर बैठाकर यात्रियों को आरती दिखाने पर दशाश्वमेध और शीतला घाट पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके साथ ही गंगा पार जाकर स्नान करने और घोड़े, ऊंट की सवारी को फिलहाल के लिए प्रतिबंधित किया गया है। वही सभी नावों में क्षमता से आधे यात्रियों को बैठकर यात्रा करवाने का आदेश दिया गया है।
घाटों का टूटने लगा आपसी संपर्क, गंगा किनारे रहने वाले ऑफ सुरक्षित स्थान पर जाने की तैयारी में…
बता दें कि वाराणसी में गंगा के जलस्तर में पिछले 24 घंटे में करीब 53 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा का जलस्तर 62.30 मीटर है। वही तेजी से बढ़ रहे गंगा के जलस्तर से घाटों के आपसी संपर्क टूट गए है।
कई ऐसे घाट है, जो अब गंगा के जलमग्न हो गए है। वही गंगा किनारे रहने वाले लोग अपने समान को सुरक्षित करने में जुट गए है। घाट किनारे रहने वाले पुरोहित अब घाटों के ऊपर जाकर रह रहे है।