शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस दिन अनेक भक्त कन्या पूजन और हवन का आयोजन करते हैं। अष्टमी तिथि पर मां दुर्गा के आठवें स्वरूप, मां महागौरी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन मां की आराधना करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
काशी में नवरात्रि के आठवें दिन अष्टमी पर्व पर लाखों श्रद्धालुओं ने महागौरी अन्नपूर्णा के दरबार में दर्शन पूजन किया। वाराणसी अपने आध्यात्मिक महत्व और गंगा नदी के किनारे कई मंदिरों की मौजूदगी के लिए प्रसिद्ध शहर है। ये मंदिर देवी अन्नपूर्णा को समर्पित है, जिन्हें भोजन और पोषण प्रदान करने वाली माना जाता है। भक्त देवी का आशीर्वाद लेने और अपने जीवन में जीविका और समृद्धि के लिए प्रार्थना करने के लिए मंदिर जाते हैं। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के निकट भगवती माँ अन्नपूर्णा का मंदिर है। मान्यता के अनुसार इन्हें तीनों लोकों की माता मानी जाती हैं। कहा जाता है की भगवती ने स्वंय भगवान शिव को भोजन कराया था।
वही शारदीय नवरात्र की अष्टमी तिथि पर भोर से ही भक्तों के पहुंचने का क्रम प्रारंभ हो गया। मां का पंचामृत स्नान के पश्चात नूतन वस्त्र आभूषण धारण करवाते हुए विशेष श्रृंगार किया गया और मंगला आरती के पश्चात मंदिर का कपाट खोल गया। मंदिर का पट खुलते ही माँ के गगनभेदी जयकारे गूंज उठे और क्रमबद्ध होकर सभी ने मां के दरबार में हाजिरी लगाई।