मकर संक्रांति पर लाखों आस्थावानो ने गंगा में लगाई में पुण्य की डुबकी, तिल व गुड़ का किया दान

मकर संक्रांति पर्व पर वाराणसी के गंगा घाटों पर भारी भीड़ उमड़ी  दूर दराज से आए लोगों ने दान स्नान कर गंगा में डुबकी लगाई गोदौलिया से गंगा घाट तक भारी पुलिस फोर्स की तैनाती के साथ भीड़ को नियंत्रित किया गया घाटों पर स्थानांतरण के लिए एनडीआरएफ की टीम जगह-जगह लोगों को आगाह  करती रही गहरे पानी में जाने से रोकती रही ।

मकर संक्रांति के साथ-साथ कुंभ स्नान करने वालों की भी साथ में भीड़ होने के कारण भारी भीड़ उमड पड़ी लोगों ने इतनी ठंड के बावजूद भी गंगा में डुबकी लगाया और मान्यता के अनुसार दान पुण्य किया सभी ने अपने परिवार के सुख समृद्धि की कामना की। स्नानार्थियों ने बताया की यह काशी की पुरानी परंपरा है यहां दूर-दूर से लोग आते हैं दान स्नान करते हैं जिससे उन्हें काफी लाभ मिलता है घाट के पुजारी ने बताया कि इस वर्ष जो स्नान हो रहा है यह काफी फलदायक है जो भी व्यक्ति मां गंगा तट पर आकर पूजन पाठ के साथ डुबकी लगाएगा उसे अनेकों फल की प्राप्ति होगी इसी कामना को देखते हुए इस वर्ष काफी भीड़ उमड़ रही है जो लोगों के परिवार में सुख शांति लाएगी सुरक्षा की दृष्टि से दशाश्वमेध ए,सी,पी,धनंजय मिश्रा अपने हमराहियों के साथ लगातार चक्रमण करते रहे ।

काशी ब्रह्म कुंड यानि अस्सी घाट पर उषाकाल से ही स्नानार्थियों ने किया स्नान,ध्यान, तप और दान। आस्थावानों ने खिचड़ी पर्व के अवसर पर संकल्प लेकर तिल, गुड, ढूंढा, तिलवा, पट्टी व का किया दान। इसके बाद काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ के किए दर्शन। 

वही तीर्थ पुरोहित अस्सी घाट बलराम मिश्रा से बात करने पर उन्होंने बताया कि दान का अपना अलग महत्व है आज तिल से बने सामानों का दान करना चाहिए जिससे हमारे पित्रों को शांति मिलती है इसके अलावा हमें गर्म कपड़े कंबल आदि का भी दान करना चाहिए वही मकर संक्रांति के पर्व पर कई लोग और संस्थाओं की तरफ से अस्सी घाट पर निः शुल्क बिस्किट एवं चाय की व्यवस्था की गई है इसी कड़ी में आलोक कुमार मलिक ने बताया कि हम पिछले 5 सालों से यह कार्य करते आ रहे हैं और आगे भी यह कार्य करते रहेंगे क्योंकि हमारा उद्देश्य केवल समाज सेवा करना है ।








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