बीएचयू में महाश्वेता देवी पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन

महाश्वेता देवी की भूमिका न केवल साहित्यिक रूप से महत्वपूर्ण है बल्कि सामाजिक क्षेत्र में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए उन्हें कई पुरस्कार मिले। महाश्वेता देवी की यह जानने में दिलचस्पी रहती थी कि हिन्दी में इस वक्त क्या हो रहा है। उनकी  इच्छा थी कि कोई ऐसी पत्रिका निकले जो भारतीय भाषाओं के मध्य पुल का काम करे। उनकी इस इच्छा को ध्यान में रखकर उनके बेटे ने ‘भाषा सेतु बंधन’ नाम से बहुभाषिक पत्रिका निकाली। उक्त बातें काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के बांग्ला विभाग और सामाजिक विज्ञान संकाय के महिला अध्ययन एवं विकास केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘स्वातंत्र्योत्तर स्त्री रचनाकार और महाश्वेता देवी: मानवीय सरोकार एवं स्त्री संदर्भ’ नामक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन वक्तव्य देते हुए सुप्रसिद्ध कथाकर काशीनाथ सिंह ने कही।

प्रख्यात कवि और साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त प्रो.अरुण कमल ने कहा कि– ‘महाश्वेता जी के उपन्यासों में हमेशा यह बात दिखाई देती है कि जीतना महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि संघर्ष महत्वपूर्ण है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कला संकाय की अध्यक्ष प्रो. सुषमा घिलिड्याल ने अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कहा कि–  ‘महाश्वेता देवी का नाम ही उनके जीवन को रेखांकित करता है।सत्र का संचालन काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में सहायक आचार्य डॉ. प्रीति त्रिपाठी और धन्यवाद ज्ञापन इतिहास विभाग में आचार्य प्रो. मालविका रंजन ने किया। 

Ktv News Varanasi

Greeting from KTV Channel, Varanasi Leading News and Social content Provider television Channel covering almost 15,00,000 Domestic and commercial Screen in the Town

Post a Comment

Previous Post Next Post