मंगलवार को क्लाइमेट एजेंडा द्वारा “साईकिल से संतुलन” अभियान की शुरुआत हस्ताक्षर अभियान के साथ रोहनिया क्षेत्र से की गयी। वाराणसी समेत उत्तर प्रदेश के अधिकतर शहर में सड़क व हाईवे निर्माण का कार्य तेज़ी से चल रहा है, ऐसे में सभी मोटर वाहनों के लिए तो काफी सुविधा उपलब्ध हैं लेकिन साईकिल चालकों के लिए अलग से किसी प्रकार की सुविधा इन निर्माण योजनाओं में नहीं है। इसलिए साईकिल से संतुलन अभियान ने सभी निर्माणाधीन सड़कों पर अलग साईकिल लेन, स्ट्रीट लाइट, साईकिल लेन के किनारे ग्रीन बेल्ट आदि की मांग के साथ आज सैकड़ों लोगों का समर्थन दर्ज किया। क्लाइमेट एजेंडा की निदेशक एकता शेखर ने बताया कि समाज का बड़ा तबका है जो साईकिल का उपयोग अपनी रोज़मर्रा के जीवन में करता है, इसमें मुख्य रूप से मज़दूर वर्ग, छात्र-छात्राएं, युवा वर्ग शामिल है, जो रोज़गार, शिक्षा व् दैनिक ज़रूरतों से जुड़े कार्यों के लिए साईकिल का उपयोग करते हैं। लेकिन शहरों की ओर बढ़ती आबादी, मोटर वाहनों की संख्या व शहरी निर्माण योजनाओं में कमी के कारण साईकिल चालकों की सुविधा को नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है।
अनियंत्रित मोटर वाहनों के कारण साईकिल चालकों की सुरक्षा बेहद गंभीर विषय है, 2016 में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार एक साल में 2,585 साईकिल चालकों की मौत दुर्घटना में हुई है और इन मौतों में अकेले उत्तर प्रदेश के 400 साईकिल चालक शामिल है।ऐसे में वाराणसी से लेकर उत्तर प्रदेश के समस्त जिलों में साईकिल चालकों व् पैदल चलने वालों के लिए सड़को पर सुरक्षित व् अलग लेन का निर्माण बेहद ज़रूरी है। क्लाइमेट एजेंडा हमेशा से सतत व क्लाइमेट फ्रेंडली व्यवहार को आगे बढ़ाने के लिए कार्यरत है। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में साईकिल चालकों का योगदान महत्वपूर्ण है। सड़क के किनारे अलग साईकिल लेन से ना केवल रोज़ाना साईकिल से आवाजाही करने वालो को सुरक्षा मिलेगी बल्कि समाज में अन्य लोगों के बीच भी साईकिल चलाने के लिए प्रेरित होंगे। इसके साथ ही महिला साईकिल चालकों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो पायेगी व महिलाओं को आत्मनिर्भर होने में भी सुविधा होगी। इस आयोजन का नेतृत्व क्लाइमेट एजेंडा से इज़्मत अंसारी ने किया, इसके साथ ही दिव्या, श्वेता, अदिति, अवनीश, तनु, विश्वजीत, काजल, पायल, सिद्धार्थ, आस्था, गुलाफ्शा, रवि, शिवम्, अनुराधा, आशुतोष समेत 500 से अधिक लोगों ने अपना समर्थन दर्ज किया।