दूरदर्शी शिक्षाविद, स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी द्वारा संकल्पित और स्थापित काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मूल में वे मूल्य और उद्देश्य निहित है जिनके साथ आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का लक्ष्य भारत के शिक्षा क्षेत्र में क्रांति लाना और परिवर्तन करना है। महामना की दूरदर्शिता ऐसी थी, जो आने वाली पीढ़ियों की जरूरतों को समझती थी और ऐसे भावी दृष्टिकोण और अवधारणा के साथ उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय जैसे महान संस्थान की स्थापना की।राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुकूल व्यापक रूप से आधारित, लचीली, बहु- विषयक शिक्षा के माध्यम से भारत को एक जीवंत ज्ञान समाज और वैश्विक ज्ञान महाशक्ति में परिवर्तित करने का उद्देश्य रखती है। यह प्रत्येक छात्र की विशिष्ट क्षमताओं को सामने लाने पर ध्यान केन्द्रित करती है। अब कि जब राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तीन वर्ष पूरे हो रहे हैं, काशी हिंदू विश्वविद्यालय इसके कार्यान्वयन से संबन्धित कई महत्वपूर्ण आयाम हासिल करने में सफलतापूर्वक सक्षम रहा है।
विश्वविद्यालय द्वारा की गई प्रगति नई नीति के अनुसार, विश्वविद्यालय के ऊर्जस्वी नेतृत्व द्वारा नई शिक्षार्थी केंद्रित पहलों द्वारा संचालित है।एनईपी 2020 के तीन साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित किए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के तहत आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, रेक्टर, प्रो. वी. के. शुक्ला ने कहा कि विश्वविद्यालय ने तत्परता से इस संबंध में एक कार्यान्वयन समिति का गठन किया। उन्होंने बताया कि इसके कार्यान्वयन की सुचारू और त्वरित प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन द्वारा वर्ष 2023 में उक्त समिति का पुनर्गठन किया गया।कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय ने एनईपी की परिकल्पना के अनुसार अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट को विनियमित किया है। प्रोफेसर सिंह ने बताया "हमने एबीसी पोर्टल पर छात्रों की उत्साहजनक संख्या में पंजीकरण सफलतापूर्वक सुनिश्चित किया हैं।