काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित महिला महाविद्यालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में दो दिवसीय नेशनल सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मालवीय जी के प्रतिमा पर माल्यार्पण दीप प्रज्वलन और कुलगीत के साथ हुआ। इस दो दिवसीय सेमिनार का मुख्य विषय "आजादी के 75 वर्षों के बाद राष्ट्र निर्माण में आदिवासी महिलाओं की भूमिका" रहा। कार्यक्रम के मुख्य आयोजक इंडियन काउंसिल आफ सोशल साइंस रिसर्च न्यू दिल्ली एंड इंस्टिट्यूट एनिमेशन था। इसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्र निर्माण में आदिवासी महिलाओं की विरासत को बढ़ावा देना रहा।
महिला महाविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर प्रतिमा गोंड ने कहा कि हमारा यह दो दिवसीय सेमिनार आजादी के 75 वर्षों के बाद राष्ट्र निर्माण में आदिवासी महिलाओं की भूमिका पर आधारित है। उन्होंने कहा कि आदिवासी नायिकाये जो इतिहास में कहीं गुम है। उनको सही स्थान नहीं मिला उनका नाम कहीं दर्ज नहीं है ऐसी बहुत सी नाईकाए हैं जिनको सेमिनार के माध्यम से मुख्य पटल पर लाने का प्रयास किया गया है। प्रधानाचार्य महिला महाविद्यालय रीता सिंह ने कहा कि प्रोफेसर टी पी कट्टामनी मुख्य अतिथि के रूप में आए हुए हैं। आजादी के अमृत महोत्सव के समापन दौर में महिला महाविद्यालय समाजशास्त्र विभाग की तरफ से सेमिनार का आयोजन किया गया कार्यक्रम में लगभग 250 डेलिगेशन उपस्थित थे।