बदलते परिवेश में तकनीकि के बढ़ते हस्तक्षेप में बच्चे अपनी मिट्टी, अपनी परम्परा, पर्व, संस्कृति को भूलते जा रहे हैं, ऐसे में उन्हें अपनी पर्व परम्परा और संस्कृति का ज्ञान कराना बहुत ही आवश्यक है। क्योंकि पुस्तकीय ज्ञान के अलावा ये सामाजिक ज्ञान उन्हें परिपूर्णता प्रदान करेंगे। यह उद्गार व्यक्त किया स्वामी हरसेवानन्द पब्लिक स्कूल के प्रबन्धक बाबा प्रकाशध्यानानन्द ने मौका था विद्यालय के बनपुरवा शाखा के प्रांगण में आयोजित सावन महोत्सव का।
ग्रीष्म ऋतु की तपती धरती तथा उमस से त्रस्त मानव के मन को तब शीतलता मिलती है जब सावन की मन्द मन्द बुंदें सभी को रसासिक्त कर देती है, इस समय जहाँ एक ओर पवित्र महीने में आशुतोष भगवान शिव की पूजा अर्चना का विधान है वहीं दूसरी तरफ नयी फसल होने की उत्सुकता लेकर आता है। इस प्रकार पशु-पक्षियों, पेड़-पौधे मानवता और शिववत्व को समर्पित सावन महोत्सव का आयोजन स्वामी हरसेवानन्द पब्लिक स्कूल बनपुरवां के प्रांगण में हुआ जिसमें प्राइमरी सेक्शन के छोटे छोटे बच्चों ने कांवरिये का झुण्ड बनाकर शिवलिंग पर जलार्पण करने का अभिनय किया,
आकर्षक लताओं से सजे झूले पर राधा-कृष्ण का अभिनय, सावन के मेले का आकर्षक दृश्य, कजरी गाती गांव की महिलायें, मेंहदी रचाती नारियाँ, आदि की मन भावन झांकी सजायी गयी। जिसको देख दर्शक दीर्घा में बैठे बच्चों एवं अभिभावकों ने खूब सराहा।कार्यक्रम में प्री नर्सरी से कक्षा 3 तक के विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। अन्त में प्रधानाचार्य डॉ० ए०के० चौबे ने बच्चों के अभिनय की प्रशंसा की। कार्यक्रम का संयोजन क्रिया-कलाप प्रभारी मंजूलता शर्मा ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन छात्रावास अधीक्षक रिटायर्ड लेफ्टिनेंट एम एस यादव ने किया।