श्रावण मास के छठवें सोमवार पर बाबा भोले की नगरी काशी उनकी भक्ति में लीन नजर आयी। हर ओर से बोल बम और हर-हर महादेव के उद्घोष गुंजायमान रहे। वही लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का हजूर बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन हेतु उमड़ पड़ा। रविवार की रात्रि से श्रद्धालु कतारबद्ध होकर बाबा के दर्शन हेतु आतुर दिखे। वही इस दौरान बाबा को पंचामृत स्नान के बाद विभिन्न पुष्पो से अलौकिक झांकी सजाई गई इसके बाद उनकी वृहद आरती हुई।
आरती के पश्चात भक्तों के दर्शन हेतु मंदिर का कपाट खोला गया। मंदिर का पट खुलते ही भक्तों द्वारा गगनभेदी जय घोष किया गया। घंटा घड़ियाल शंख डमरू की ध्वनि के साथ भक्तों के हर-हर महादेव के उद्घोष से पूरा वातावरण गुंजायमान हो उठा।
कतारबद्ध श्रद्धालुओं ने बाबा श्री काशी विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई और उनका झांकी दर्शन कर अभिभूत नजर आये। दर्शन पूजन कर निकले भक्तों ने व्यवस्थाओं की जमकर प्रशंसा की। दूर दराज से आये श्रद्धालुओं ने कहा कि बहुत ही सुगम व्यवस्था है और बिना किसी परेशानी के दर्शन पूजन चल रहा है। धाम की सुंदरता बहुत ही आकर्षक है।
वही इस दौरान आए श्रद्धालुओं की सुरक्षा के दृष्टिगत काफी संख्या मे फोर्स तैनात रही। जोकि लोगों को निर्बाध रूप से दर्शन पूजन कराने में जुटे रहे। एसीपी दशाश्वमेध अवधेश पांडेय सहित काफी संख्या मे पुलिस बल मौजूद रहा।
वही सावन के छठवे सोमवार पर शहर के अन्य शिवालयों में भी भक्तों की कतार लगी रही। इसी कड़ी मे ईश्वरगंगी स्थित जागेश्वर महादेव मंदिर में काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन पूजन किया। इस दौरान भोर से ही श्रद्धालुओं के मंदिर पहुंचने का क्रम प्रारंभ हो गया
श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से प्रभु का जलाभिषेक किया तथा उन्हें बेलपत्र, मदार की माला, फल फूल, मिष्ठान इत्यादि अर्पित करते हुए जीवन मंगल की कामना की। मंदिर के महंत मधुर कृष्ण जी महाराज में सभी श्रद्धालुओं में प्रसाद वितरित किया और सावन माह में प्रभु के दर्शन पूजन के महत्व को विस्तार से बताया।
इसी क्रम में भदैनी क्षेत्र में स्थित सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए भक्तों की कतार लगी रही। पूरे सावन माह में यहां पर भक्तों का आने का क्रम लगा रहता है। मंदिर में भोलेनाथ का दर्शन-पूजन व जलाभिषेक का विशेष महत्व है।
ऐसी मान्यता है कि सिद्धेश्वर महादेव के दर्शन से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। दर्शन पूजन करने आई महिला श्रद्धालु सुनिधि शुक्ला ने बताया कि सामने घाट नगवा के रहने वाले हैं उन्होंने कहा कि पहले ये बेलवरिया जंगल के नाम से प्रसिद्ध था। इसमें करपात्री जी आराधना करने पहुंचे तो यह जंगल था। बेलो और पीपल का पेड़ था जिनके झुरमुट से यह शिवलिंग मिला यह शिवलिंग स्वयंभू है। इस मंदिर में सावन का अपना विशेष महत्व है मंदिर के पुजारी अभिषेक त्रिपाठी ने बताया कि भोर में आरती के बाद दर्शन के लिए पट खोल दिया गया। अब तक हज़ारों श्रद्धालु दर्शन पूजन कर चुके हैं। अभी भी लोगों के आने का क्रम जारी है। वहीं दूसरी ओर भदैनी स्थित बनखंडी महादेव में भक्तों ने देवाधिदेव महादेव का दर्शन-पूजन किया। इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग का अपने आप में विशेष महत्व है। इसलिए दर्शन के लिए भक्त उमड़ते हैं। बाबा भोलेनाथ लोगों को मनोवांछित फल देते हैं। काशी में ऐसी मान्यता है कि किसी भी शिवालय में जाकर बाबा भोलेनाथ के दर्शन पूजन करके सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।