माता लक्ष्मी के दरबार में 16 दिवसीय सोरहिया मेले का हुआ शुभारंभ, अनुष्ठान संग महिलाओं ने किया मां का दर्शन पूजन

लक्सा लक्ष्मी कुण्ड स्थित माता लक्ष्मी के दरबार मे सोरहिया मेले व माता के दर्शन पूजन का क्रम शुक्रवार से शुरू हो गया । पूरे मन्दिर प्रांगण सहित क्षेत्र को सजाया गया है । माता की एक झलक पाने के लिए महिलाओं की भोर से ही लम्बी कतारे लगी रही इस सोलह दिन चलने वाले दर्शन पूजन का जीवित्पुत्रिका व्रत के साथ समापन होता है। 


इस दर्शन पूजन को पुत्र सहित परिवार की सुख समृद्धि के लिए किया जाता है दर्शन पूजन से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है 

महालक्ष्मी के पूजन और व्रत का नाम सोरहिया इसीलिए पड़ा क्योंकि यहां 16 अंक का विशेष महत्व है। 16 दिन के व्रत और पूजन में स्नान और 16 आचमन के बाद देवी विग्रह की 16 परिक्रमा की जाती है। माता को 16 चावल के दाने, 16 दूर्वा और 16 पल्लव अर्पित किए जाते हैं। व्रत के लिए 16 गांठ का धागा धारण किया जाता है। जो कथा सुनी जाती है, इसमें 16 शब्द होते हैं।



 16वें दिन जीवितपुत्रिका या ज्यूतिया के निर्जला व्रत के साथ पूजन का समापन होता है।


Post a Comment

Previous Post Next Post