सत्य पर असत्य की विजय का पर्व विजयदशमी पर बरेका सहित अन्य स्थानों पर रावण के पुतले का हुआ दहन, जय श्रीराम का हुआ उद्घोष

सत्य पर असत्य की जीत का पर्व विजयदशमी वाराणसी में धूमधाम से मनाया गया इस दौरान शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर रावण के पुतले का दहन किया गया और दशहरा पर्व की खुशियां मनाई गई। वाराणसी में कई स्थानों पर रावण दहन का कार्यक्रम किया जाता है जिसमें सबसे विशेष बनारस रेल इंजन कारखाना परिसर में आयोजित कार्यक्रम होता है। यहां विशाल 10 सर वाले रावण सहित मेघनाथ और कुंभकरण का विशाल पुतला दहन होता है इससे पूर्व राम रावण वध का सुंदर मंचन किया जाता है। 

कई दशकों से BLW में पूर्वांचल का सबसे बड़ा रावण, कुंभकरण और मेघनाद का पुतला दहन किया जाता है. इस दौरान लाखों की संख्या में लोग BLW के मैदान में इस दृश्य को देखने के लिए उमड़ते हैं. दशहरा पर दहन होने वाले रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले को शमशाद खान और उनके परिवार द्वारा तैयार किया जाता है जो पिछले तीन पीढ़ियों से BLW मैदान के लिए पुतला बनाते आ रहे हैं. जिसमें रावण का 75 फीट, कुंभकरण का 70 फीट और मेघनाद के पुतले के लिए 65 फीट की ऊंचाई निर्धारित है. 

BLW में पूर्वांचल का सबसे बड़ा रावण, कुंभकरण और मेघनाद का पुतला रखा जाता है जिसके दहन को देखने के लिए लाखों की संख्या में भीड़ उमड़ती है. वहीं दशहरे के पावन पर्व पर रावण दहन को देखने के लिए बरेका के मैदान पर लोग लगभग दोपहर 3:00 बजे से ही पहुंचने लगे समिति के सदस्यों द्वारा एक-एक करके लोगों को परिसर में प्रवेश दिया गया इसके बाद राम रावण वध के प्रसंग का मंचन हुआ और इसके बाद प्रभु श्री राम के द्वारा बाण चलाई गई और इसके साथ ही रावण कुंभकरण और मेघनाथ का विशालकाय पुतला घू धू कर जल उठा। 

पुतला जलते ही पूरा वातावरण जय श्री राम के गगन बड़ी उद्घोष से गूंज उठा आकर्षक आतिशबाजियों के बीच शंखनाद डमरू की ध्वनि और भक्तों के जय श्री राम के उद्घोष से पूरा बरेका परिसर भक्ति मय हो गया। इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए लाखों की संख्या में लोग परिसर में मौजूद रहे वह सुरक्षा की दृष्टि से व्यापक प्रबंध रहे समिति के सदस्यों के साथ ही काफी संख्या में प्रशासन के लोग मौजूद रहे जिन्होंने सकुशल इस कार्यक्रम को संपन्न कराया। 

इसी कड़ी मे वाराणसी में विजयादशमी का पर्व  धूमधाम व उत्साह से मनाया गया। इस दौरान बुराई के प्रतीक लंकाधिपति रावण का पुतला दहन किया गया। पुतला दहन होते ही श्रद्धालुओं ने प्रभु श्रीराम के जयकारे लगाए। पर्व पर जगह-जगह लगे मेले का लोगों ने लुत्फ उठाया और जमकर खरीदारी की। 

विजयदशमी की शाम मलदहिया चौराहे पर 40 फीट का रावण का पुतला दहन किया गया। मुख्य अथिति  ने सत्य रूपी रिमोट का बटन दबाया। इसके साथ ही धनुष से निकला तीर लगते ही रावण का विशालकाय पुतला धू-धूकर जल उठा। इसके साथ ही लोगों ने जय श्रीराम का उद्घोष किया। इससे माहौल राममय हो गया। हर साल की भांति इस साल भी समाज सेवा संगठन की ओर से दशहरा पर्व पर रावण पुतला दहन का आयोजन किया गया। 

दशहरा का पर्व अधर्म पर धर्म, असत्य सत्य, अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई की विजय,  के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। पुतला दहन के दौरान काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।  मुख्य अथिति ने धनुष पर तीर लगाकर मंच से ही छोड़कर रावण के पुतले को आग के हवाले किया। इसी दौरान सुंदर आतिशबाजी भी हुई।  मुख्य अथिति मंत्री रविंद्र जायसवाल विशिष्ट अतिथि महापौर अशोक तिवारी ने कहा कि समाज में व्याप्त बुराई को समाप्त करने के लिए रावण के प्रतीक पुतला को दहन किया जाता है  ।

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