मकर संक्रांति की तिथि की मान्यता रखने वालों ने गंगा स्नान कर किया दान पुण्य

मकर सक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी। मगर, काशी के असि घाट सहित अन्य प्रमुख घाटों पर आज से ही गंगा स्नान और ध्यान का विधान चल रहा है। घने कोहरे और ठंडक पर आज आस्था भारी पड़ती दिखी। तड़के सुबह 4 बजे 6-7 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच में ही बड़ी संख्या में स्नानार्थी दशाश्वमेध घाट से लेकर अस्सी तक स्नान करने के लिए जुटे। 

मकर संक्रांति से 1 दिन पहले ही लोगों ने गंगा में पुण्य की डुबकी लगाई। गंगा स्नान के बाद टीका और त्रिपुंड लगाकर लोग जरूरत मंदो को अन्न और धन का दान-पुण्य कर रहे हैं। मकर संक्रांति तब होती है जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर जाते हैं। वहीं, 15 जनवरी के बाद सूरज देवता उत्तरायण होंगे और ठंडक के मौसम की धीरे-धीरे विदाई हो जाएगी। संक्रांति पर समय से 8 घंटा पहले और 8 घंटे बाद तक पुण्यकाल होता है।

बता दे कि तिथि के अनुसार 14 जनवरी को काफी संख्या में आस्था वालों ने गंगा में पुण्य की डुबकी लगाई और स्नान दान किया वही श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए प्रशासन द्वारा पुख्ता इंतजाम किए गए थे सभी घाटों पर एनडीआरएफ एसडीआरएफ और पुलिस की टीम में तैनात रही गंगा में श्रद्धालुओं के स्नान के लिए बैरिकेडिंग की गई थी और लोगों को गहरे पानी में न जाने की हिदायत दी जा रही थी। 

वही मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने की परंपरा है ऐसे में स्नान दान के साथ ही लोगों ने जमकर पतंगबाजी का आनंद उठाया शहर के गली मोहल्ले भाग काटे के शोर से गूंजते रहे छतो पर लोगों ने परिवार के साथ पतंग बाजी का आनंद लिया। वही लोगों ने परंपरा के अनुसार गुड़ से बनी खाद्य सामग्री पट्टी तिलवा, ढूंढा इत्यादि का भी लुफ्त उठाया।

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