सावन माह के प्रथम सोमवार को बाबा भोले की प्रिया नगरी हर हर बम बम के जय घोष से गूंज उठी। यह सावन का महीना बेहद खास है, क्योंकि इस बार पांच सोमवार पड़ रहे हैं. सावन के पहले सोमवार के मौके पर काशी बोल बम के जयकारों से गूंज रही है. कल देर रात से ही शिव भक्त अपने आराध्य के दर्शन पाने के लिए लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखाई दिये।
सोमवार सुबह बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती के बाद आम भक्तो के दर्शन पूजन का क्रम प्रारंभ हुआ जो देर रात्रि तक चलता रहा । मंदिर में वीआईपी सुविधा पूरी तरह से बंद कर दी गई है. मंदिर में भीड़ को देखते हुए हर सोमवार को सभी तरह के पास निरस्त कर दिए गए हैं. वीआईपी सुविधा भी पूरी तरह से बंद की गई है. वही सोमवार सुबह कांवरियों का स्वागत कमिश्नर कौशल राज शर्मा और मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने पुष्प वर्षा के साथ किया और रेड कार्पेट पर सभी का स्वागत किया गया।
सावन के पहले दिन काशी में हर मंदिर हर शिवालय में हर हर महादेव और बोल बम का जयकारा सुनाई दे रहा है. बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी में ऐसे भी कण-कण में शिव हैं माना जाता है और सावन के महीने में तो काशी एक अलग ही रंग में नजर आती है. आज सावन का पहला सोमवार है और सुबह भोलेनाथ की भव्य मंगला आरती और श्रृंगार संपन्न हुआ तो भक्तो का रेला धाम पहुँचा। मंदिर के मुख्य अर्चक श्रीकांत मिश्रा ने बाबा भोलेनाथ का भव्य श्रृंगार किया और फिर मंगला आरती संपन्न हुई. आरती के बाद मंदिर आम भक्तों के दर्शन के लिए खोला गया। इस दौरान पूरी काशी केसरिया रंग में रंगी नजर आयी। काफी संख्या में पहुंचे भक्तों ने बाबा श्री काशी विश्वनाथ का दर्शन किया और उनका जलाभिषेक किया।
इसी कड़ी में वाराणसी के शूलटंकेश्वर मंदिर में सावन के प्रथम सोमवार पर दर्शन-पूजन के लिए भक्तों की काफी भीड़ रही , मंदिर से काफी पहले ही वाहन रोक दिए जा रहे थे। पहले गंगा स्नान, फिर दर्शन और सीधे दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग मार्ग तय था।
मंदिर में प्रवेश के पूर्व लोगों को मेटल डिटेक्टर से गुजरना रहा वही रोहनिया ए सी पी संजीव कुमार शर्मा से बात करते पर उन्होंने बताया कि यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है चप्पे चप्पे पर पुलिस के लोग और महिला कांस्टेबल तैनात हैं उन्होंने आगे बताया कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी हम लोगों ने काफी बढ़िया सुरक्षा व्यवस्था तैनात कर रखी है जिसमें काफी संख्या में महिला कांस्टेबल को लगाया गया है भीड़ अधिक होने की वजह से हमें काफी सतर्कता बरतनी पड़ रही है,
शूलटंकेश्वर महादेव मंदिर को काशी का दक्षिणी द्वार कहा जाता है। दर्शन-पूजन के लिए यहां आम दिनों में तो श्रद्धालु आते ही हैं, शिवरात्रि और सावन में काफी भीड़ होती है। पौराणिक महत्व के इस मंदिर का शिव पुराण में भी उल्लेख है।
वहीं डाफी की अंजू तिवारी से बात करने पर उन्होंने बताया कि काशी खंड के अनुसार इस मंदिर का नाम पहले माधव ऋषि के नाम पर माधवेश्वर महादेव था। शिव की आराधना के लिए उन्होंने ही इस लिंग की स्थापना की थी। उन्हीं के नाम पर गांव का नाम भी माधवपुर है जब भागीरथी से गंगा जी चली तो वेग इतना तेज था कि वह सामने पड़ने वाले सभी चीजों को अपने में समाहित करते हुए बढ़ रही थी ऐसा लग रहा था की वह काशी को भी अपने में समाहित कर लेंगी तब भोलेनाथ ने अपने त्रिशूल का प्रयोग करते हुए गंगा जी के धारा को यहीं शूल्टनकेश्वर से मोड दिया था। वही सावन के प्रथम सोमवार को यहां भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा बड़ी संख्या में पहुंचे भक्तों ने बाबा का दर्शन पूजन किया।
इसी क्रम मे काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रांगण में स्थित विश्वनाथ मंदिर में भी सुबह 4:00 बजे से ही भक्तों का तांता लगा रहा। बड़ी संख्या में कतारबद्ध श्रद्धालुओं ने बाबा को बेलपत्र माला फूल फल इत्यादि अर्पित करते हुए उनका जलाभिषेक किया ।
वही मंदिर के पुजारी अरविंद पाठक से बात करने पर उन्होंने बताया कि आज भक्तों का रेला लग रहा है अभी तक हजारों श्रद्धालु बाबा का दर्शन पूजन कर चुके हैं।
इसी क्रम मे दारानगर स्थित मृत्युंजय महादेव मंदिर में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने शीश नवाया मंदिर परिक्षेत्र में सुबह से ही भक्ति पहुंचने लगे और लंबी कतार लग गई भक्त ने मंदिर पहुंचकर बाबा को बेलपत्र फल फूल मिष्ठान अर्पित करते हुए जलाभिषेक किया और जीवन मंगल की कामना की
इस दौरान पूरा मंदिर परिसर बाबा के गगन भेदी जयकारों से गूंजता रहा। श्रद्धालुओं को दर्शन पूजन में किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो इसके लिए व्यापक इंतजाम किए गए थे क्षेत्र में बैरिकेडिंग लगाई गई थी।
इसी कड़ी में ईश्वरगंगी स्थित जागेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ देखने को मिली। विशाल शिवलिंग पर सभी भक्तों ने श्रद्धा भाव के साथ जल दूध अर्पित करते हुए सुख समृद्धि की कामना की।
इस मौके पर मंदिर की आकर्षक सजावट रही मंदिर के महंत मधुर कृष्ण जी महाराज ने सभी में प्रसाद वितरित कर सावन में बाबा के दर्शन पूजन के महत्व को विस्तार से बताया।