हर मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। हर एक मास में पड़ने वाली चतुर्थी का अपना एक महत्व होता है। ऐसे ही भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को भी व्रत पड़ता है। इसे संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कहा जाता है। इस दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान है।
ये 13 संकष्टी गणेश चतुर्थी में से एक है। इस दिन पूजा करने के साथ व्रत रखने से जीवन के हर दुख दूर हो जाते है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।भादो के महीने में पड़ने वाले गणेश चतुर्थी के अवसर पर लोहटिया स्थित बड़ा गणेश मंदिर में बाबा गणेश जी का भव्य श्रृंगार किया गया . इस अवसर पर भोर से ही भक्तों ने पहुंच कर मत्था टेका और भगवान से सुख समृद्धि की कामना की मंदिर के महंत संजय दुबे ने बताया कि महिलाएं अपने पुत्र के लिए यह कड़ा व्रत रहती है रात्रि में विशेष पूजन अर्चन कर चन्द्रमा को देख कर अर्घ देकर व्रत का समापन करती है इस व्रत को करने से परिवार में सुख समृद्धि आती है संतान के लिए विशेष रूप से यह व्रत रखा जाता है।