स्वामी हरसेवानंद पब्लिक स्कूल मे अंग्रेजी वाद-विवाद प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने लिया भाग, विजेता टीम हुई पुरस्कृत

"प्रतियोगिताएँ न सिर्फ प्रतिस्पर्धा पैदा करती है अपितु प्रतियोगियों में तार्किक शक्ति, संवाद कौशल तथा आत्मविश्वास में वृद्धि भी करती है। यह उद्‌गार व्यक्त किया बाबा प्रकाशध्यानानन्द ने। मौका था कृत्रिम बुद्धिमत्ता व्यक्ति और समाज के लिए उपयोगी या हानिकारक" विषयक वाद-विवाद प्रतियोगिता का।

स्वामी हरसेवानन्द पब्लिक स्कूल घोरावल शाखा में आयोजित अंग्रेजी वाद-विवाद प्रतियोगिता में सभी शाखाओं गड़वाघाट, जगतगंज, बनपुरवां, चुर्क और घोरावल के विद्यार्थियों ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर अपना अपना विषय पक्ष और विपक्ष में रखा।सर्वप्रथम विद्यालय के प्रेरणास्रोत स्वामी हरसेवानन्द जी महाराज परमहंस के तैल चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्ज्वलन से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। 

विद्यालय के घोरावल शाखा के प्रधानाचार्य नीरज कुमार श्रीवास्तव ने प्रतियोगियों का परिचय कराया व प्रतियोगिता के नियम व महत्व पर प्रकाश डाला। तत्पश्चात पक्ष व विपक्ष में पाँचों विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने अपनी अपनी अभिव्यक्ति दी। बाद में निर्णायकों ने बनपुरवां शाखा को प्रथम, घोरावल शाखा को द्वितीय व गड़वाघाट शाखा को तृतीय घोषित किया तथा जगतगंज व चुर्क शाखा को सांत्वना पुरस्कार से संतोष करना पड़ा।

निर्णायकों की भूमिका में मिर्जा विलायत बख्त, रमेश पाठक, आकाश सोनी, फरीन सिद्धिकी व सरिता चक्रवाल का योगदान रहा। विद्यालय के प्रबन्धक बाबा प्रकाशध्यानानन्द ने बच्चों को आशीर्वादित करते हुए उन्हें पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।



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