करवाचौथ पर्व पर महिलाओं ने निर्जला व्रत रखा और चंद्रमा को अर्घ देकर अपना उपवास खोला। सभी महिलाए शाम मे चांद निकलने का इंतजार करती दिखी। शाम के समय पूजा-अर्चना की। गंगा घाट और तटों पर सुहागिनों की भीड़ रही।
रात को चंद्रमा को अघ्य देने के बाद पति के हाथों से जल ग्रहण कर महिलाओं ने व्रत खोला। महिलाओं ने करवा चौथ पर अपने पति के दीर्घायु जीवन के लिए व्रत रखते हुए सोलह श्रृंगार का महत्व बताया। इस व्रत को पति-पत्नी के रिश्ते की मजबूती का प्रतीक माना जाता है। पूजा-पाठ के साथ कथा सुनकर इस व्रत को संपन्न किया जाता है। इस पावन अवसर पर महिलाओं ने अपने परिवार के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया और सुख-समृद्धि की कामना की।
Tags
Trending