कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा है कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में बतौर कुलपति कार्य करना उनके लिए काफी कुछ सीखने का अवसर रहा। विश्वविद्यालय में अपना कार्यकाल पूर्ण होने के अवसर पर कुलपति आवास पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए प्रो. जैन ने कहा कि विश्वविद्यालय से जुड़ना उनके लिए पूरी तरह एक नया अनुभव था। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों से मिले अपार सहयोग व स्नेह ने उन्हें बीएचयू के विकास के लिए कार्य करने की ऊर्जा व शक्ति दी, जिसके लिए वे सदा आभारी रहेंगे। कुलपति जी ने कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय व इसके सदस्यों में अपार क्षमता व संभावनाएं हैं, अगर आवश्यकता है तो उसे प्रोत्साहन देने तथा नए अवसर उपलब्ध कराने की। प्रो. जैन ने कहा कि विश्वविद्यालय ने उन्हें अनेक बेहतरीन यादें और अनुभव दिये हैं, जिनसे उनके व्यक्तित्व का भी संवर्धन हुआ है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का उद्देश्य विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास व उन्नति का मार्ग प्रशस्त करना है और उन्होंने इसी भावना के साथ अपनी भूमिका निभाने का प्रयास किया।
प्रो. जैन ने विद्यार्थियों की आकांक्षाओं को पूर्ण करने के लिए नए अवसर सृजित करने, शिक्षकों को सशक्त बनाने, तथा विश्वविद्यालय के सदस्यों के विकास हेतु संसाधन उपलब्ध कराने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने बीएचयू सदस्यों का आह्वान किया कि वे सकारात्मक ऊर्जा व उम्मीद के साथ अपने कार्य को निष्ठापूर्वक करें तथा यह सुनिश्चित करें कि उनका कार्य संस्थान की उन्नति की दिशा में हो। उन्होंने कहा कि हमे अपने कार्य के नतीजे लघु अवधि में भले ही न दिखाई दें, लेकिन वह दीर्घावधि में अपने संस्थान की प्रगति के रूप में परिलक्षित होते हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलगुरू प्रो. संजय कुमार ने कहा कि प्रो. सुधीर कुमार जैन ने विश्वविद्यालय को अनुकरणीय नेतृत्व प्रदान किया, जिसके नतीजे विश्वविद्यालय को लंबे समय तक लाभान्वित करेंगे। कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह ने बताया कि प्रतिभाओं की पहचान कुलपति जी की विशेषता रही है। उन्होंने कहा कि प्रो. जैन असाधारण सोच के व्यक्ति हैं और यह उनकी कार्यशैली में भी झलकता है। कला संकाय के प्रमुख प्रो. माया शंकर पाण्डेय ने कहा कि प्रो. जैन के कार्यकाल में उन क्षेत्रों पर भी कार्य हुआ जिन पर कभी किसी का ध्यान भी नहीं जाता था। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में शैक्षणिक उत्कृष्टता को नए स्तर पर ले जाने में प्रो. जैन का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। विज्ञान संकाय के पूर्व प्रमुख प्रो. एस. एम. सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों से जुड़ी अनेक विकासात्मक पहलों का क्रियान्वयन विज्ञान संस्थान से आरंभ हुआ, जिनके सकारात्मक नतीजे दिख रहे हैं। यह कुलपति जी की दूरदर्शिता के परिणामस्वरूप ही संभव हो पाया। बरकछा स्थित दक्षिणी परिसर के आचार्य प्रभारी प्रो. वी. के. मिश्रा ने प्रो. सुधीर कुमार जैन के कार्यकाल को अद्वितीय़ बताया। उन्होंने कहा कि दक्षिणी परिसर के विकास तथा वहां सुविधाओं के उन्नयन हेतु पिछले तीन वर्ष में अनेक कार्य हुए हैं, जिनसे परिसर का माहौल और बेहतर हुआ है। इस दौरान चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. एस. एन. संखवार ने विश्वविद्यालय की सुविधाओं व व्यवस्थाओं को विद्यार्थियों के अनुकूल बनाने तथा उन्हें एक बेहतर कैंपस जीवन उपलब्ध कराने में कुलपति जी द्वारा की गई पहलों के लिए धन्यवाद जताया। उन्होंने कहा कि चिकित्सा विज्ञान संस्थान के विकास हेतु कुलपति जी का निरन्तर मार्गदर्शन व भरपूर सहयोग मिला।कृषि विज्ञान संस्थान के निदेशक तथा अंतरराष्ट्रीय केन्द्र के समन्वयक प्रो. एस. वी. एस. राजू ने कहा कि विश्वविद्यालय में शोध व शिक्षण के अनुकूल वातावरण बनाने तथा सुविधाओं के विस्तार हेतु पिछले तीन वर्षों में अनेक प्रयास हुए। उन्होंने कहा कि कुलपति जी के नेतृत्व में विश्वविद्यालय में खेल संस्कृति को प्रोत्साहन मिला तथा अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों का नामांकन ऐतिहासिक स्तर पर पंहुचा। कार्यक्रम में महिला महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. रीता सिंह, शिक्षा संकाय की प्रमुख प्रो. अंजलि वाजपेयी, कला संकाय में वरिष्ठ आचार्य प्रो. मुकुल राज मेहता, ने भी अपने विचार रखे तथा विश्वविद्यालय के विकास हेतु कुलपति जी की प्रतिबद्धता को बेजोड़ बताया। इस दौरान कुलपति जी के कार्यकाल में पांच दीक्षांतों के लिए आयोजित तीन समारोहों की एलबम कुलपति जी को भेंट की गई। विश्वविद्यालय के अनेक सदस्यों ने प्रो. जैन को पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका अभिनंदन किया। कार्यक्रम में संस्थानों के निदेशक, संकाय प्रमुख, वरिष्ठ अधिकारी, शिक्षक, व कर्मचारी उपस्थित रहे।