*वाराणसी में 15 साल की दुल्हन की मांग भर रहा था 32 साल का दूल्हा, पुलिस के पहुंचते ही दूल्हा हुआ फरार*
वाराणसी में प्रशासन की चुस्ती से एक बार फिर से एक नाबालिग बच्ची बालिका वधू बनने से बच गई। हालांकि दूल्हा और बराती मंडप से भाग निकलने में सफल रहे। घटना चोलापुर के आयर बाजार क्षेत्र की है। जिला बाल संरक्षण इकाई की संरक्षण अधिकारी निरूपमा सिंह को बुधवार देर शाम सूचना मिली कि आयर बाजार क्षेत्र निवासी किशोरी की शादी होने जा रही है। करीब 32 साल के दूल्हे के साथ पांच-छह लोग भी राजस्थान से आए थे। सूचना पर निरूपमा सिंह ने तत्काल ही जिला प्रोबेशन अधिकारी सुधाकर शरण पांडेय से संपर्क साधा। इसके बाद एक टीम गठित हुई जिसमें बाल संरक्षण इकाई के राजकुमार, रामकिशुन व चाइल्ड लाइन से आजाद एवं खुशबू को शामिल किया गया। साथ ही चोलापुर थाने पर फोन कर वहां पुलिस बल भेजने को कहा गया। पुलिस के साथ टीम जब आयर बाजार क्षेत्र स्थित किशोरी के घर पहुंची तो वहां मंडप में विवाह की रस्में चल रही थीं। टीम के पहुंचने की भनक लगते ही दूल्हा और उसके साथ के लोग वहां से भाग निकले। परिजनों से पूछताछ की गई तो पता चला कि किशोरी की उम्र अभी महज 15 साल है। वह कक्षा पांच तक पढ़ी है।
वहां हुई पूछताछ के बाद किशोरी और उसके अभिभावकों को लेकर यह टीम बाल कल्याण समिति के चांदमारी स्थित कार्यालय पहुंची और उन्हें बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया। समिति के सदस्य अखिलेश कुमार तथा शील चंद्र किशोर कुजूर ने मामले की सुनवाई की साथ ही बालिका के घर वालों को बाल विवाह न करने का शपथ पत्र देने को कहा।साथ ही किशोरी को फिर से 15 दिन के बाद बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। जिला बाल संरक्षण इकाई की संरक्षण अधिकारी निरूपमा सिंह ने बताया कि किशोरी को कक्षा छह में प्रवेश दिलाने के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र भी प्रेषित किया गया है।