जी- 20 सम्मेलन को सफल बनाने को लेकर शासन-प्रशासन दिन-रात जुटा है। मुख्यमंत्री खुद बनारस दौरा करने के साथ मंडलायुक्त, जिलाधिकारी समेत संबंधित अधिकारियों को तेजी से काम करने का निर्देश दे रहे हैं। वहीं, लोक निर्माण विभाग में जी-20 सम्मेलन के प्रस्तावित कामों का टेंडर 16 फरवरी को होने के एक माह बाद भी तकनीकी स्वीकृति नहीं मिलने से ठेकेदारों के साथ अनुबंध नहीं हो पा रहा है। वित्तीय वर्ष खत्म होने के 10 दिन शेष बचे हैं, ऐसे में प्रक्रिया पूरी नहीं होती है तो बजट को लेकर भी संकट पैदा हो सकता है। शासन ने लोक निर्माण विभाग की ओर से भेजे गए 126 करोड़ के प्रस्ताव पर 80 करोड़ स्वीकृत करते हुए 20 करोड़ बजट जारी कर दिया है। बनारस में छह जी-20 सम्मेलन होने हैं। चार माह से मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा, जिलाधिकारी एस राजलिंगम समेत अन्य अधिकारी तैयारी में जुटे हैं। खुद पीडब्ल्यूडी जिले के 40 सड़कों का सर्वे करने के साथ 126 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाकर आनन-फानन में शासन को भेजा। एक सप्ताह में प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए शासन ने 20 करोड़ रुपये जारी भी कर दिया। 16 फरवरी को विभागीय टेंडर होने के साथ अधीक्षण अभियंता ने अपनी रिपोर्ट बनाकर मुख्य अभियंता के पास भेज दी लेकिन वहां से तकनीकी स्वीकृति क्यों नहीं मिल रही, इसको लेकर विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को समझ में नहीं आ रहा है। वहीं, ठेकेदारों को समझ नहीं आ रहा है कि तकनीकी स्वीकृति कब मिलेगी और कब काम शुरू किया जाएगा। समय कम होने के चलते जी-20 के कामों को जल्द से जल्द पूरा करने का दबाव है। पर्याप्त समय नहीं होने पर गुणवत्ता पर भी सवाल उठेंगे।
ठेकेदार मुख्य अभियंता कार्यालय का लगा रहे चक्कर
टेंडर प्रक्रिया में शामिल ठेकेदार प्रस्तावित कामों को लेकर मुख्य अभियंता कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। तकनीकी स्वीकृति मिलने के बाद ठेकेदारों को बांड के लिए स्टांप खरीदने के साथ एफडी करानी होगी। इस प्रक्रिया को पूरी करने में दो से तीन दिन लगेंगे।
मंडलायुक्त ने प्रमुख सचिव को 22 कामों की भेजी सूची
मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने प्रमुख 33 कामों में से 22 कामों को प्राथमिकता पर पूरी करने लिए सूची बनाकर लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव चार मार्च को भेजा है। शेष 11 कामों को अगले वित्तीय वर्ष में कराने पर सहमति जताई है। इन कामों को समय से शुरू नहीं किया गया तो पूरा करना मुश्किल होगा।