बीएचयू के छात्र छात्राओं द्वारा बीएचयू के छात्रावासों में ओबीसी आरक्षण न लागू करने के विरोध में विश्वनाथ मंदिर से लंका गेट तक प्रतिरोध मार्च निकाला गया। बीएचयू विरोध प्रदर्शन में कई छात्र छात्राओं ने अपनी बात रखी और बीएचयू प्रशासन द्वारा की गई हकमारी को उजागर किया। छात्र छात्राओं ने अपनी बात रखते हुए विशेष रूप से जोड़ दिया की बीएचयू प्रशासन पिछले कई सालों से ओबीसी फंड से छात्रावासों के लिए पैसे लेती है लेकिन संवैधानिक आरक्षण लागू नहीं करती है।
साल 2009 से 2013 के बीच में बीएचयू प्रशासन ने लगभग 450 करोड़ रूपए ओबीसी फंड से लिए है जिसमे लगभग 170 करोड़ रुपयों की छात्रावास में 4500 से अधिक कमरे बने हैं लेकिन आज तक ओबीसी आरक्षण के माध्यम से किसी भी छात्र छात्राओं को हॉस्टलों में जगह नहीं मिला है। छात्र छात्राओं ने अपने वक्तव्य में कहा बीएचयू प्रशासन का रवैया संविधान विरोधी, सामाजिक न्याय विरोधी एवं आरक्षण विरोधी है उसका हम विरोध करते हैं। छात्र छात्राओं ने नारेबाजी करते हुए मार्च निकाला और लंका गेट तक जाकर खत्म किया। लंका गेट पर पहुंचकर लोगों ने गीत गाने की माध्यम से सरकार और बीएचयू प्रशासन का विरोध किया। उसके बाद पुलिस प्रशासन ने छात्र छात्राओं के विरोध को वहीं पर रोक दिया। छात्र छात्राओं ने बताया कि आज उन्होंने प्रतिरोध मार्च किया और अगर आगे आने वाले समय में बीएचयू प्रशासन छात्रावासों में ओबीसी आरक्षण लागू नहीं करती है तो हम छात्र छात्राएं बड़े आंदोलन को बाध्य होंगे।