दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को भी सुनवाई पूरी नहीं हो सकी. गुरुवार की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार साबित करने के लिए यह जरूरी है कि पैसों का लेन-देन हुआ हो। जिसपे ED की तरफ से एडिशनल सॉलिसीटर जनरल ने कहा, "विजय नायर के व्हाट्सएप चैट समेत कई इलेक्ट्रॉनिक सबूत पैसों के आदान-प्रदान की तरफ इशारा करते हैं।
जांच में कई और तथ्य मिले हैं, जो साफ तौर पर भ्रष्टाचार को दिखाते हैं. शराब के थोक व्यापारियों को फायदा पहुंचाने के लिए एक्साइज ड्यूटी को 5 से बढ़ा कर 12 फीसदी किया गया. फिर थोक व्यापार में कुछ लोगों को एकाधिकार दे दिया गया." सिसोदिया की जमानत पर कोर्ट अलगी सुनवाई 12 अक्टूबर को करेगी ।