उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य व पारण के बाद छठ महापर्व का हुआ समापन

आस्था और संस्कार के पर्व छठ का उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ समापन हो गया है। सोमवार सुबह नदी, तालाब और नहरों के पानी में उतरकर महिलाओं ने भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया और संतान के कल्याण के लिए मुरादें मांगी। अर्घ्य देने के बाद छठी मइया के लिए बनाए गए खास ठेकुआ और प्रसाद लोगों में बांटा गया। चार दिनों तक चलने वाला यह व्रत 17 नवंबर को नहाय खाय के साथ शुरू हुआ था। 

इस दौरान लोग भक्ति भाव में डूबे नजर आए और नदियों के किनारे आस्था का सैलाब देखने को मिला।वाराणसी के सभी घाटों पर सूर्य निकलने से पहले ही व्रत करने वाली महिलाओं और उनके परिवार के लोग गंगा घाटों पर मौजूद हो गए। काशी के प्रमुख अस्सी घाट का भी नजर ऐसा ही रहा जहां भोर से ही लोगों के पहुंचने का क्रम शुरू हो गया महिलाएं छठी मैया के महिमा का गुणगान करते गीत गाती रही इन गीतों के माध्यम से भगवान भास्कर से जल्दी उगने का अनुनय किया गया।

वही जैसे ही भगवान भाष्कर ने अपने भक्तों को दर्शन दिया लोगों ने हर-हर-महादेव के नारे के साथ ही घाटों पर अर्घ्य देना शुरू कर दिया। ये पूजा पुत्र और पति की दीर्घ आयु एवं परिवार के सुख समृद्धि की कामना के लिए की जाती है, व्रत करने वाले लोग मानते हैं जो भी श्रद्धालु सच्ची निष्ठा और आस्था से  ये व्रत कर साक्षात् सूर्य की आराधना करता है। उसकी सभी मुराद पूरी होती है।

डाला छठ यानि सूर्य की उपासना के लिए काशी के सभी घाटों पर सूर्य उदय के पहले से ही भक्तों का जन सैलाब उमड़ पड़ा दशाश्वमेघ घाट पर भी लोगो की अपार भीड़ देखने को मिली। सुबह से ही घाट और पानी में व्रती महिलाएं उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए खड़ी रहीं। 

जैसे ही भगवान सूर्य का उदय हुआ, उन्हें अर्ध्य देने का सिलसिला शुरू हुआ। व्रती फल और प्रसाद से भरा दउरा-सूप लेकर भगवान भास्कर की उपासना करती दिखीं। अर्घ्य देने और पूजा करने के बाद पारण किया गया। यानी 36 घंटे का निर्जला व्रत ठेकुआ, फल आदि ग्रहण कर पूरा हुआ। इसी के साथ महापर्व छठ का समापन हो हुआ।

वही पंचगंगा घाट पर भी लोगों की खूब भीड़ दिखी भर से ही लोग घाट पर पहुंचने लगे इस दौरान बेदी पर दीप जलाए महिलाएं छठ माता के गीत गाती रहे वही जैसे ही आसमान में लालिमा छाई लोगो का उत्साह बढ़ने लगा। 

और देखते ही देखते जैसे ही भगवान सूर्य की एक झलक दिखी तो पूरा गंगा घाट हर हर महादेव जय छठी मैया उद्घोष से गूंज उठा । लोगों ने एक-एक करके भगवान भास्कर को  अरघ दिया और छठ मैया से सुख समृद्धि की कामना की ।

इसी कड़ी में  कचहरी स्थित शास्त्री घाट पर भी काफी संख्या में लोगों ने पहुंचकर छठ पूजन किया यहां विदेशी पर्यटकों देखने को मिले जिम छठ पर्व को देखने का उत्साह रहा .भोर से ही घाट पर पहुंची महिलाएं भगवान भास्कर के उदित होने का इंतजार करती रही इसके बाद सूर्योदय होते ही अरघ देते हुए छठ महापर्व का समापन हुआ ।

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