गंगा महोत्सव की चौथी निशा मेंडोलिन के साथ ही बिरहा गायन से सजी। पहली बार गंगा महोत्सव के - मंच से मेंडोलिन की स्वरलहरियों ने श्रोताओं को ताजगी का अहसास कराया। गंगा की लहरों के साथ-साथ मेंडोलिन के सुर भी अठखेलियां कर रहे थे। रविवार को चौथी निशा में विख्यात बिरहा गायक डॉ. मन्नू यादव, सुगम सिंह शेखावत सहित कई कलाकारों ने हाजिरी लगाई।रविवार को कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई। पहली प्रस्तुति में मंच पर बिरहा गायक डॉ. मन्नू यादव पहुंचे और लोकगीत गायन से अपने प्रस्तुति की शुरुआत की।
कार्यक्रम की दूसरी प्रस्तुति सुगातो भादुड़ी ने मेंडोलिन वादन से किया। उन्होंने राग शिवरंजिनी सहित कई विधाओं में अपनी प्रस्तुति दी। उनके साथ ललित कुमार ने तबले पर संगत किया। वहीं सुगम सिंह शेखावत ने अपने समूह के साथ लोक नृत्य प्रस्तुत किया। तत्पश्चात रितिका अवस्थी और उनके समूह ने रामायण पर आधारित नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी। गंगा महोत्सव की चौथी निशा का समापन भजन गायक पं. सुजीत कुमार ओझा ने अपने भजन से किया।