काशी की बेटी मनु व झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का जन्म वाराणसी में माघशीर्ष कृष्ण चतुर्दशी को मणिकर्णिका घाट परिसर स्थित बाजीराव घाट क्षेत्र में पेशवा बाजीराव के महल में हुआ था। काशी में इनके जन्म स्थान को लेकर प्रचलित कई भ्रम निरर्थक हैं। इस भ्रम का निवारण पंचांग गणना के जानकार करने में समर्थ हैं। यह विचार रानी लक्ष्मीबाई के जन्मजयंती के अवसर पर सनातन धर्म इंटर कॉलेज के सभा कक्ष मे मां फाउंडेशन उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम मे वक्ताओ ने कही। इस दौरान समाज में उत्कृष्ट कार्य कर रही महिलाओं को सम्मानित भी किया गया। सम्मान समारोह का शुभारंभ रानी लक्ष्मीबायीं और छत्रपति शिवाजी महाराज के तैल चित्र के सम्मुख दीप जलाकर किया गया। कार्यक्रम में डॉ० सोहनलाल आर्य ने कहा कि मणिकर्णिका परिसर में जन्म के कारण ही उनका नाम मणिकर्णिका बाई पड़ा।
संस्कृति भारती के संस्थापक व संयोजक डॉ० उपेंद्र विनायक सतबुद्धे ने जन्मस्थान और जन्म तिथिसहित दोनों की तारीख के साथ ही जीवन परिचय पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालनसंयोजक व फाउंडेशन के प्रदेश अध्यक्ष लाल जी गुप्ता ने किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महंत गोविंद दास शास्त्री रहे व कार्यक्रम की अध्यक्षता महिला व्यापार की अध्यक्ष शालिनी गोस्वामी ने किया। इस अवसर पर सम्मानित किए जाने वालो में मुख्य रूप से रेखा पाठक, लक्ष्मी आर्या, सीता साहू, मंजू व्यास, रश्मि साहू, अनीसा साही, मीरा गुप्ता, सोनी खान, पूनम जायसवाल, ज्योत्सना बाजपेई, मंजू वर्मा आदि समेत 31 महिलाओं को सम्मानित किया गया। साथ ही महारानी लक्ष्मीबाई के महान तोपची गौश खां का सम्मान शकील अहमद को किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से गिरीश श्रीवास्तव, सौरभ दीक्षित, धर्मेंद्र गुप्ता समेत कई लोगों की उपस्थिति रही।
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