वाराणसी के नमो घाट पर काशी तमिल संगमम-2 का आयोजन किया गया हैं। जहां दिन भर में हजारों लोग इसका हिस्सा बन रहे हैं।वहीं इस प्रदर्शनी में तमिल कलाकारों के द्वारा तैयार की गई कलाकृति काशीवासियों को खुब पसंद आ रही हैं। ऐसे ही तमिलनाडु के रहने वाले के रघुनाथम और उनकी पत्नी द्वारा संचालित स्टाल पर लकड़ी के खिलौनों लोगों को खुब पसंद आ रहे हैं।
के रघुनाथम अपने पत्नी के साथ पहले बार आयोजित काशी तमिल संगमम में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि काशी के लोगों ने हमारे इस लकड़ी-शिल्पकार को बहुत पसंद किया था और इस बार भी लोग अच्छी खरीदारी कर रहे हैं। के रघुनाथम ने बताया कि वह तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि वह 40 साल से भी अधिक इस कला के प्रति समर्पित रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके काम के लिए उन्हें राज्य पुरस्कार भी मिल चुका है। और आगे उन्होंने बताया कि हम लोग बच्चों के खेलने के लिए गुड़िया और घर को सजाने के लिए लकड़ी का आइटम बनते हैं। उन्होंने कहा कि यहां आने वाला हर कोई इस खिलौने को पसंद कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस खिलौने को व्हाइट वुड्स से बनाया जाता है जो काफी मुलायम और मजबूत होता है।
के रघुनाथम कहते है कि ''मुझे यकीन है कि इस तरह के बड़े आयोजन न केवल दोनों स्थानों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करेंगे, बल्कि शिल्पकारों के लिए भी वरदान साबित होंगे।" उन्होंने ऐसे आयोजनों को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा भी की और धन्यवाद भी कहा किया।
रघुनाथम के स्टॉल के अलावा प्रदर्शनी में अन्य स्टॉल भी हैं। तमिलनाडु की संस्कृति और परंपरा को उजागर करने वाले इस कार्यक्रम में देश भर से 1500 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। लोगों ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि यह वर्तमान पीढ़ी के बीच जागरूकता पैदा करेगा और दोनों स्थानों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को उजागर करेगा।