सनातन धर्म में गाय की महत्ता बताते हुए उसे गौ माता का दर्जा दिया गया है। धार्मिक ग्रन्थों, वेदों, भगवद्गीता में भी हमें गाय की महत्ता का उल्लेख मिलता है और कहा जाता है कि गौ माता के शरीर में समस्त देवी देवताओं का वास होता है। लेकिन आज तक गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा नहीं दिया गया है। यही नहीं अभी तक उनके सुरक्षा के लिए भी कोई उचित कदम नहीं उठाए गये ताकि गोवध बंद हो सके।उक्त बातें शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने आज गौ माता राष्ट्र माता अभियान के के तहत चलाए जा रहे जन जागरूकता आयोजन मे कहा।
हरिहर की भूमि काशी से " गौ माता राष्ट्र माता अभियान " की मांग बुलंद होने लगी है। डाफी स्थित ग्लोरियस एकेडमी में आयोजित इस अभियान को सफल बनाने के लिए शहर के विभिन्न संगठनों से जुड़े हुए लोग जहां एक ओर इस अभियान को समर्थन दिया तो वही एक स्वर से इस अभियान को सिद्ध होने तक जुड़े रहने की बात भी दोहराई। अभियान की शुरुआत महाराज श्री के चरण पादुका पूजन से हुआ तत्पश्चात दिल्ली से आए अजय गौतम, आचार्य जयन्तुजय शास्त्री ने गौ माता की महत्ता पर अपनी बात रखी। अभियान के आयोजन डॉ गिरीश तिवारी ने कहा कि हर सनातनी को गौ माता के रक्षा के लिए अपने अपने स्तर से प्रयास करना चाहिए यही नहीं गौ सेवा ईश्वर सेवा की तरह है लिहाजा गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिया ही जाना चाहिए। जगद्गुरुकुलम एवं शंकराचार्य न्याय वेदांत महाविद्यालय के सैकड़ों बटुकों की विशेष उपस्थिति और वेद पाठ आयोजन स्थल आध्यात्मिक दिव्यता एहसास कर रहा था।
इस मौके पर प्रमुख रूप से केंद्रीय ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष डॉक्टर नागेंद्र द्विवेदी, प्रोफेसर दीनानाथ सिंह, इंजीनियर डीएन सिंह प्रोफेसर विजय शंकर मिश्रा, समाजसेवी अवधेश पांडे जी सरयू पारीण ब्राह्मण परिषद के महामंत्री नरेंद्र त्रिपाठी, गंगा औषधि केंद्र के रवि त्रिवेदी, राजू राय, विनोद सिंह, आर पी राय, जयशंकर पांडे, राज्य भाषा के यतीन्द्र चतुर्वेदी, अजय मौर्य एवं अन्य बहुत से गणमान्य जन मौजूद रहे।