राजातालाब क्षेत्र के लोग पानी की किल्लत से हुए त्रस्त

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के तालाबो का क्षेत्र राजातालाब में तहसील और ब्लाक मुख्यालय है। बावजूद लोग एक माह से जलसंकट से त्रस्त हैं। क्षेत्र में भूगर्भ जल नीचे जाने के कारण सरकारी और निजी हैण्डपम्प ठप हो गए हैं। मोटर से पानी नही चढ़ पा रहा है। सर्वत्र हाहाकार मचा है। जिससे लोगों को धन खर्च कर नीजी समरसेबुल से काफ़ी जद्दोजहद के बाद पानी मिल पा रहा है। लेकिन, इससे लोगों की सिर्फ प्यास ही बुझ पा रही है। इसके लिए भी घंटों इंतजार करना पड़ता है। क्षेत्र के राजातालाब चौराहा सहित कचनार, रानी बाज़ार गाँव की आबादी लगभग 12 हजार से अधिक है। यहां इतनी बड़ी आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए सैकड़ों सरकारी हैण्डपम्प लगे हुए हैं। इसमें कुछ एक को छोड़कर सभी खराब है। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य राजकुमार गुप्ता का कहना है कि जलसंकट की मुख्य वजह जल संस्थान एवं कार्यदाई संस्था की लापरवाही है। नई पाइप लगाने का लगभग 60 फीसद कार्य पूरा नहीं किया गया। कई मोहल्ले में तो पाइप लाइन की शुरुआत भी नहीं की गई है। जहां पाइप लाइन का काम हुआ भी है वहां भी कनेक्शन शिफ्ट नहीं किया गया है। यह काम हो गया होता तो एक माह से लोगों को जलसंकट का सामना नहीं करना पड़ता। स्थिति यह है,कि क्षेत्र के लगभग 60 फीसद लोग निजी समरसेबुल के पानी पर निर्भर है। 

आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बहुत ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों की दिनचर्या ही बदल गई है। दिनभर पानी के लिए भटकना पड़ता है। समरसेबुल से मिलने वाली पानी से किसी तरह प्यास बुझती है। उधर जेई दीपक पाण्डेय का कहना है कि प्राईवेट ठेकेदार द्वारा क्षेत्र में तीस साल पुरानी की जगह नई पाइप लाइन डाला जा रहा है। जल्द ही कार्य पूरा होने पर कनेक्शन शिफ्टिंग एक दो दिन में कर दिए जाएंगे। नियमित जलापूर्ति का प्रयास किया जा रहा है। राजकुमार गुप्ता ने बताया कि विभागीय अधिकारियों को पेयजल समस्या के बारे में डिजीटली लिखित एवं मौखिक और मोबाइल द्वारा कई बार अवगत करवाने के बावजूद ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पुरानी पाइप लाइन से कई जगह सप्लाई तो बंद कर दी, लेकिन नई पाइपलाइन में कनेक्शन शिफ्ट नहीं किए जा रहे हैं। ऐसे में एक माह से ज्यादा समय से यह समस्या बनी हुई है। इससे स्कूली बच्चों सहित मौहल्लेवासियों को भी दिक्कत हो रही है। पानी न मिलने से नाराज होकर क्षेत्रीय नागरिक किसी दिन जल संस्थान प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को बाध्य होंगे।


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