फर्जी पते पर बैंक खाता खुलवाकर करोड़ों रुपए का साइबर अपराध करने वाले इंटरस्टेट गैंग के 3 शातिर अपराधियों को साइबर थाने की कमिश्नरेट पुलिस ने गिरफ्तार किया है। तीनों के पास से पुलिस ने भारी मात्रा में ए० टी० एम, पासबुक, चेकबुक, मोबाइल, नगदी आदि बरामद किए हैं। इस मामले में शिवपुर थाना क्षेत्र के क्राइस्ट नगर के रहने वाले सुनील कुमार ने मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें बताया कि उन्होंने पीएनबी मेटलाइफ सुपर सेवर नाम की एक पालिसी लिया था। जिसे हैकर ने हैक करने के बाद कॉल कर पूरा डिटेल बता दिया। जिससे उन्होंने विश्वास हो गया कि वह पीएनबी मेट लाइफ का एजेन्ट बोल रहा है। जिसके द्वारा उनके पालिसी एजेन्ट को हटाने व बोनस का लाभ प्राप्त करने हेतु बताकर भिन्न भिन्न मोबाइल नम्बरो से फोन कर भिन्न भिन्न बातें बताकर कुल 9 लाख 61 हजार तीन सौ सैंतीस रुपए धोखाधड़ी कर लिया।
पुलिस ने इस मामले में आईटी एक्ट व धोखाधड़ी संबंधित मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल में लगी हुई थी। पुलिस ने इलेक्ट्रानिक सर्विलांस व टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए आगरा के राहुल विहार कॉलोनी से तीन शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया। उनके पास से पुलिस ने भारी मात्रा में विभिन्न बैंकों के 52 ATM कार्ड, 57 पासबुक, 88 चेकबुक, 12 सिम कार्ड, 12 मोबाइल व 6380 रुपए नगद बरामद किया। गिरफ्तार अभियुक्तों में सुनील कुमार आगरा के हाथरस, रितेन्द्र कुमार व शिवम कुमार आगरा सिटी के रहने वाले हैं। पुलिस की पूछताछ में उन्होंने बताया कि अधिक पैसा कमाने की लालच में साइबर अपराधियों के साथ मिलकर लोगों को पैसे का लालच देकर उनके आधार कार्ड के पते को कूटरचित दस्तावेज के आधार पर आधार कार्ड का पता बदलते थे। इसके बाद उसी फर्जी आधार के जरिए फर्जी बैंक खाता खोलकर उसमें फर्जी तरीके से प्राप्त सिम कार्ड को बैंक के खाता में रजिस्टर्ड कराकर साइबर अपराधियो को 30-35 हजार रूपए में बेच देते हैं। बताया कि उपरोक्त खातो में रजिस्टर्ड मोबइल नं० फोन में लगाकर अपने पास रखते है तथा साइबर फ्रॉड से प्राप्त पैसों की जानकारी मोबाइल बैंकिंग एप्स पर प्राप्त होने पर स्वयं तथा अपने साइबर अपराधियों के माध्यम पैसा निकालकर अपना अपना हिस्सा बांट लेते हैं।