डीएवी पीजी कॉलेज में दर्शन शास्त्र विभाग में चल रहे आईसीपीआर, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय व्याख्यान के अंतिम दिन विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई ।
मुख्य वक्ता इलाहाबाद विश्वविद्यालय, दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ऋषिकान्त पाण्डेय ने विश्लेषणात्मक दर्शन की उत्पत्ति एवं विकास पर प्रकाश डालते हुए कहा, कि विश्लेषणात्मक दर्शन का प्रत्यक्ष संबंध भाषा के विश्लेषण से है। दर्शनशास्त्र में तत्व मीमांसा की कोई समस्या नहीं है। अपितु वह भाषा के गलत प्रयोग से उत्पन्न हुई समस्या है।
दूसरे सत्र में मुख्य वक्ता दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर एच एस प्रसाद ने बौद्ध धर्म मे निहित तार्किकता एवं नैतिक मूल्यों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संयोजन डॉ. संजीव वीर सिंह प्रियदर्शी ने किया। स्वागत डॉ. संजय सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रामेन्द्र सिंह ने दिया। इस अवसर पर प्रो. सतीश कुमार सिंह, प्रो. प्रशांत कश्यप, इत्यादि लोग उपस्थित रहे।