शिवरात्रि पर शिव बारात में अलग-अलग प्रांतों की होली का होगा नजारा

काशी की पहचान, मौज-मस्ती, यहां के बनारसीपन की मिसाल रही विश्वप्रसिद्ध शिव बारात इस वर्ष 43वें वर्ष में प्रवेश कर रही है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए शिव बारात समिति के सदस्यों ने कहा कि बनारसियों का सबसे प्रिय उनके मिजाज से मेल खाता त्योहार होली है, इसलिए बनारसियों को मस्ती से सरौबोर करने के लिए इस बार बनारसी अपनी भरती के अनुरूप होलियाना अंदाज में शिव बारात निकलेगी। 

काशी में पहली बार बनारसी होली के साथ-साथ अलग-अलग प्रांतों की होली देखने-समझने को मिलेगा, विश्वप्रसिद्ध बरसाने की लट्ठमार होली मुख्य आकर्षण होगा।बारात के समापन स्थल डेढसी पुल पर वधु पक्ष की तरफ से दशाश्वमेध व्यापार मण्डल व विश्वनाथ गली व्यवसायी संघ ठंडई-भांग एवंफूल-माला के साथ स्वागत करेंगे साथ ही स्मृति चिन्ह देंगे।पत्रकारवार्ता में मुख्य रूप से आर०के० चौधरी, दीपक बजाज, अजीत सिंह बग्गा व पवन अन्ना की उपस्थिति रही।


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