वाराणसी के जैतपुरा थाना क्षेत्र के नक्खीघाट में बुधवार की रात पिता पुत्र में पैसे के लेनदेन को लेकर विवाद हो गया। पिता ने पुत्र से रुपये मांगे और नहीं देने पर आत्महत्या की धमकी दी। पलटकर पिता ने रुपए देने से इनकार कर दिया और उससे पहले मरने की बात कहकर खुद को कमरे में बंद कर लिया। घर में मौजूद छोटे बेटे ने दोनों को समझाने का प्रयास किया लेकिन कोई नहीं माना।
दोनों ने अलग-अलग कमरे में अंदर से कुंडी लगा ली और पंखे में फंदा लगाकर झूल गए। छोटा बेटा बाहर गया और मदद के लिए पड़ोसियों को लेकर आया। आनन फानन में दोनों को उतारकर अस्पताल लाया गया, जहां पिता ने दम तोड़ दिया था वहीं पुत्र की हालत भी गंभीर बनी हुई है।
मकान में परिवार के साथ रहता था मोहन
जैतपुरा थाना क्षेत्र के नक्खीघाट पुल निवासी मोहन कुमार पिछले कई वर्षों से अपने मकान में परिवार के साथ रहते थे। कुछ वर्ष पहले बीमारी के चलते उनकी पत्नी की मौत हो गई थी तो परिवार में दो बेटे ही बचे थे। दोनों बेटे मिथुन और अजय के साथ रोजी रोटी कमाकर जीवन यापन कर रहे थे। इसमें बड़ा बेटा मिथुन पेशे से प्लंबर का काम करता है और छोटा भाई अजय चौकाघाट स्थित एक दुकान पर काम करता है। बुधवार देर रात मिथुन से उसके पिता मोहन का विवाद हो गया। उसने पिता से रुपए मांगे और दोनों में कहासुनी हो गई। पिता ने किसी भी कारोबार के लिए रुप देने से इनकार कर दिया और किसी भी तरह की जमापूंजी होने से भी इनकार कर दिया। मिथुन ने मां की मौत के बाद रखे जेवर बेचने की बात कही तो मोहन को गुस्सा आ गया। पिता ने मिथुन को गाली देते हुए मारने दौड़ा तो छोटे बेटे ने बीच बचाव किया।विवाद के बाद तो दोनों ही आग बबूला हो गए और एक दूसरे से भला बुरा बोलने लगे। इसी बीच मिथुन ने रुपये नहीं देने पर आत्महत्या की धमकी दी और अपने कमरे में चला गया। वहीं दूसरी ओर पिता मोहन ने भी खुद को एक कमरे में बंद कर लिया। अब दोनों अलग-अलग कमरों से चीखने चिल्लाने लगे। इसी दौरान दोनों ने पंखों के कुंडे में गमछा को बांधकर गले में फंदा डाल लिया और झूल गए। बताया गया कि कुछ दिनों से मिथुन पाइप और प्लंबिंग से जुड़ी दुकान खोलने के लिए दबाव बना रहा था। छोटा बेटा अजय आनन फानन में पड़ोसियों और अन्य परिजन को बुलाकर लाया और कमरे की कुंडी तोड़ी तो दोनों को फंदे पर लटका पाया। सभी ने जल्द से दोनों को नीचे उतारा और अस्पताल ले गए। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने पिता मोहन कुमार को मृत घोषित कर दिया। पिता की मौत के बाद उपचार के दौरान पुत्र को बचा लिया गया। पुलिस ने पिता के शव को कब्जे में लेकर छोटे बेटे से पंचायतनामा भरवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।