स्वामी हरसेवानंद महाराज की 52वी पुण्यतिथि पर सदस्यों ने किया नमन

संतमत अनुयायी आश्रम मठ गड़वाघाट के द्वितीय पद पादशाही  स्वामी जी चैत्र कृष्ण चतुर्दशी तद्नुसार 14 मार्च 1972 को 23 और अथक परिश्रम से संतमत का प्रचार करते वर्षों तक अनवरत साधना देश के कोने-कोने में हुए अनेक स्थानों पर नये आश्रमों का निर्माण करके अक्षय कीर्ति और यश अर्जित किया। उन्होंने अपने मनसा वाचा कर्मणा में समन्वय करते हुए सादगी का ऐसा ताना बाना बुना जिस पर आज का संत समुदाय पुष्पित एवं पल्लवित है। ऐसे व्यक्त्तित्व से प्रेरणा लेकर अपने मन, वचन एवं कर्म में सामंजस्य स्थापित कर व्यक्तित्व निर्माण में उत्कृष्टता लायी जा सकती है।

स्वामी हरसेवानन्द पब्लिक स्कूल के सभागार में उपस्थित छात्र एवं शिक्षक समुदाय के बीच स्वामी जी के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पार्पण के साथ ही दीप प्रज्ज्वलन करके कार्यक्रम की शुरूआत हुयी तत्पश्चात गुरू वन्दना, भजन एवं कीर्तन की भाव भीनी प्रस्तुति हुयी।


प्रार्थना सभा के उपरान्त समारोह को सम्बोधित करते हुए प्रबन्धक बाबा प्रकाशध्यानानन्द ने कहा कि शिक्षा ही समाज को एक नई दिशा दे सकती है, संत के रूप में स्वामी हरेसवानन्द जी ने जीवन भर शिक्षा की अलख जगायी है। उनके कीर्ति में बना स्वामी हरसेवानन्द पब्लिक स्कूल उनके द्वारा प्रज्ज्वलित ज्ञान शिखा की समाज में विस्तारित करने की दिशा में अग्रसर है। हमें हरसेवानन्द जी महाराज के विचारों, सादगी, समर्पण, संतत्व से प्रेरणा लेकर जीवन में दूरदर्शी बनने का प्रयास करना चाहिए। समारोह में गड़वाघाट प्रधानाचार्य चन्द्रशेखर सिंह, बनपुरवां शाखा के प्रधानाचार्य डा. ए.के. चौबे, जगतगंज शाखा की प्रधानाचार्या श्रीमती रचना अग्रवाल, छात्रावास अधीक्षक ले० एम.एस. यादव, हवलदार यादव, शशिकान्त शर्मा, विनोद कुमार सहित सभी शाखाओं के शिक्षक, शिक्षिकाएं, अभिभावक तथा गणमान्य लोग मौजूद थे।

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