ग्राम नारायणपुर जिला मिर्जापुर वाटिका में 7 दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया। कथा का शुभारंभ कलश शोभायात्रा निकालकर किया गया । कथा वाचक व्यास पंडित प्रवीण पांडेय जी महाराज ने कहा कि कलश रिद्धि- सिद्धि का प्रतीक है। इसका हिंदू धर्म में अपना महात्म्य है। उन्होंने कहा कि कलश हमारे जीवन के हर क्षण में काम आता है। जन्म के समय भी कलश स्थापना की जाती है और मरने के समय भी शरीर के साथ कलश विसर्जित किया जाता है।
उन्होंने बताया कि कलश के उपर नारियल रखा जाता है। यह नारियल मनुष्य को इस बात की शिक्षा देता है कि परिवार के मुखिया को उपर से सख्त और अंदर से मुलायम होना चाहिए। इससे जीवन की गाड़ी बेहतर चलती है। कलश के उपर जो माला रखी जाती है उसका अलग महत्व है। जिस प्रकार माला में लगा हुआ फूल महकता है उसी प्रकार मनुष्य का जीवन भी दूसरों को सुगंध देने वाला होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कलश को 108 महिलाएं सिर पर रखकर शोभा यात्रा निकालती है यह जिस क्षेत्र में निकलती है वहां का वातावरण मंगलमय हो जाता है।
वही मुख्य यजमान संदीप सिंह से बात करने पर उन्होंने बताया कि हमने यह श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन लोक कल्याण के लिए करवाया है जिसमें महिलाए शामिल रही जो गंगा जी से जल भर कर कलश अपने सिर पर रख कर गाजे बाजे के साथ नाचते गाते कथा स्थल तक आई हैं ।