काशी के स्थानीय दशनार्थियों के साथ मंदिर सभागार में प्रतिदिन दर्शन का आग्रह करने वाले स्थानीय निवासियों की व्यवस्था के सम्बन्ध में बैठक की गयी। इसमें नेमी श्रद्धालुओं में से प्रातः काल दर्शन करने वाले नेमी लोगों की आवश्यकताओं पर विस्तृत चर्चा की गई।
प्रशासन द्वारा स्पष्ट किया गया कि नेमी लोगों के स्पर्श दर्शन कराने में कोई दिक़्क़त नहीं है क्योंकि सभी काशी वासियों और देश के अन्य श्रद्धालुओं के लिए स्पर्श दर्शन प्रातः कराये जा रहे हैं तो नेमी लोगों को भी अवश्य कराये जाएँगे।
इसमें प्रशासन द्वारा इन लोगों हेतु गेट 4b पर काशीवासियों के अतिरिक्त अलग विशेष लाइन से प्रवेश देने पर अधिकतर लोगों से सहमति बनी और बताया गया कि कल से यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।
ढूँढी राज गली से प्रवेश करने वाले लोगों को वहाँ से प्रवेश करने वाली सामान्य लाइन के फ्रंट में लगा कर प्रवेश दिया जाएगा।
दोनों ही लाइन में उनको काशी वासी होने का पहचान पत्र रखना अनिवार्य होगा जैसा अन्य काशीवासियों हेतु ज़रूरी है।
यह भी अवगत कराया गया कि यह व्यवस्था केवल उसी दशा में संचालित करते रहना संभव होगा जब प्रतिदिन दर्शन के आग्रही काशी के स्थानीय निवासी स्वअनुशासन का पालन करें तथा पंक्तिबद्ध हो कर ही एक एक कर लाइन से प्रवेश करें।
यह भी अवगत कराया गया कि कुछ नेमी दर्शनार्थियों द्वारा यह शिकायत भी प्राप्त हुई है कि कुछ नेमी दर्शनार्थी अन्य आपस के ही दर्शनार्थियों को दर्शन करने में व्यवधान उत्पन्न करते हैं। विशेषकर मंदिर गर्भगृह घेर कर खड़े हो जाने से महिला नेमियों को दर्शन में विशेष असुविधा होती है। नेमी दर्शनार्थियों के दर्शन के अन्य दिनों के अनेक सीसीटीवी फुटेज भी देखे गए। यह पाया गया कि नेमी दर्शनार्थी होने के कारण पुलिस भी सख़्ती नहीं करती और कई नेमी अत्यंत उग्र व्यवहार प्रदर्शित कर रेलिंग, लाइन एवं व्यवस्था के अनुशासन को भंग करते हैं। अतः बैठक में यह बताया गया कि ऐसे आचरण को दर्शनार्थियों को स्वयं नियंत्रित करना होगा जिससे कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो।