वाराणसी विकास प्राधिकरण के अवैध घोषित किए गए बनारस कोठी होटल के मालिक पर वन विभाग ने वन्य जीव अधिनियम 1972 में मुकदमा दर्ज किया है। 27 जुलाई को वीडीए की कार्रवाई के दौरान यहां एक प्रतिबंधित प्रजाति का कछुआ मिला था।इसे वन अधिकारियों को सौंपा गया था। यह कछुआ यहां कहां से लाया गया। इसकी जांच हो रही है। साथ ही बनारस कोठी के मालिक की तलाश की जा रही है।
टब में रखा था कछुआ
वरुणा ग्रीन बेल्ट में बने बनारस कोठी के ध्वस्तीकरण के आदेश के साथ 27 जुलाई को वीडीए की टीम बुद्ध विहार कालोनी स्थित बनारस कोठी होटल पहुंची थी। यहां वीडीए ने अपनी कार्रवाई की और होटल के कमरों के खिड़की दरवाजे निकाल दिए।जेसीबी से सभी दरवाजों को जाने वाली सीढ़ियां तोड़कर उसे सील कर दिया था। उस दौरान एक टब में रखा एक कछुआ भी वीडीए की टीम को मिला था।
वनाधिकारी को दी गई थी सूचना
कछुआ मिलने पर सिकरौल वार्ड के वीडीए जेई अतुल मिश्रा ने प्रभागीय वन अधिकारी को जानकारी दी थी। उनके निर्देशन पर क्षत्रिय वन अधिकारी दिवाकर प्रसाद दुबे, उप क्षेत्रीय वनाधिकारी राजकुमार गौतम और कर्मचारी अनिल कुमार श्रीवास्तव मौके पर पहुंचे थे। उसके बाद कछुए को कब्जे में लेकर चले गए थे। क्षेत्रीय वनाधिकारी दिवाकर प्रसाद दुबे ने बताया- यह प्रतिबंधित कछुआ है। जिसे यहां रखा गया था।
खिलाफ मुकदमा दर्ज, हो रही जांच
क्षेत्रीय वनाधिकारी दिवाकर प्रसाद दुबे ने बताया- होटल बनारस कोठी में मिला कछुआ प्रतिबंधित प्रजाति का है। वह यहां पाया ही नहीं जाता है। उस कछुए को यहां कैसे लाया गया। उसकी तस्करी में कौन संलिप्त है।इन सब चीजों की जांच की जा रही है। मोहम्मद जफर अली के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसकी तलाश की जा रही है। उसे पकड़ने में वीडीए की और पुलिस की सहायता ली जाएगी।