वाराणसी के लक्सा क्षेत्र में 10 साल पुराने किराएदार ने खुद मकान मालिक बनकर मकान बेच दिया। व्यापारी को मालिकाना हैसियत से मकान दिखाया। अपने नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार कराए। फिर मजबूरी बताकर फर्जी रजिस्ट्री भी कर दी। व्यापारी को ताला चाबी देकर कब्जा बताया और फिर सामान लेकर फरार हो गया।
मकान के पैतृक मालिक जब आवास पर पहुंचे तो ताला पड़ा मिला। किराएदार को फोन किया तो नंबर बंद था। पड़ोसियों से किराएदार की करतूत पता चली तो पीड़ित ने पुलिस को पूरा मामला बताया। पीड़ित मकान मालिक की तहरीर पर पुलिस ने किराएदार समेत 11 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। केस के बाद सभी आरोपी फरार हैं। वहीं पुलिस से बचने की जुगत लगा रहे हैं।
10 साल किराए पर उठाया था मकान
चौक थाना क्षेत्र राजा दरवाजा गोविंदपुरा निवासी विहारी लाल सेठ को पांडेपुर निवासी दीपक कुमार सेठ और अमरनाथ सेठ ने लक्सा के लक्ष्मीकुंड में एक मकान दिया था। इसमें विहारी सेठ ने रोहित वर्मा को 10 साल पहले किराएदार रखा और अनवरत किराएदारी चली आ रही थी। बनारस और दिल्ली में कारोबार के चलते मकान मालिक महीनों तक लक्सा स्थित मकान पर नहीं जा पाते थे।
मजबूरी की कहानी सुनाकर 20 लाख रुपये में बेचा
विहारी लाल सेठ की गैर मौजूदगी में किराएदार आरोपी रोहित वर्मा की नीयत बिगड़ गई और उसने कुछ दलाल-जालसाजों के साथ मिलकर मकान की फर्जी रजिस्ट्री करने का मन बना लिया। उसके करीबी दोस्त सोनू कपूर ललिताघाट निवासी गोपाल प्रसाद कपूर को लेकर पहुंचा और मकान को रोहित वर्मा का बताकर मजबूरी की कहानी सुनाकर 20 लाख रुपये में बेच दिया।
मामले की जानकारी के बाद विहारीलाल ने आपत्ति जताई और पुलिस को लिखित तहरीर देकर केस दर्ज कराया। पुलिस ने जालौन निवासी तिजिया देवी, ग्वालियर निवासी सुरेश, राजकुमार, संतोष, दीपक, रोहित वर्मा, आकाश वर्मा को नामजद किया। उनके मददगार लक्ष्मी कुंड निवासी मीर वर्मा, रोहित वर्मा, वैशाली और ललिता घाट के साेनू कपूर के खिलाफ केस दर्ज किया। पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है, वहीं सभी नामजद और उनके मददगार फरार हैं।